उत्तर प्रदेश के मऊ जिला जेल में बंद 13 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। जिससे प्रशासन में खलबली मच गई। इन 13 कैदियों में से 10 बलिया के हैं। जबकि तीन मऊ जिले के हैं। चूंकि बलिया जेल अभी निर्माणाधीन है, इसलिए वहां के कैदी फिलहाल मऊ जेल में बंद हैं। इस मामले में जेल अधीक्षक ने बताया कि मऊ जेल में बंद सभी पुरुष व महिला कैदियों की नियमित जांच की जाती है।
मेले में टैटू बनवाते समय संक्रमण का पता चला
संदिग्ध कैदियों की पुष्टि जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में जांच के माध्यम से की जाती है और फिर उन्हें उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। फिलहाल इन सभी एचआईवी पॉजिटिव कैदियों का जिला जेल में डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला के अनुसार, इनमें से कुछ एचआईवी पॉजिटिव कैदियों ने बलिया के ददरी मेले में टैटू बनवाए थे। जबकि कुछ कैदी नशे के आदी थे और इंजेक्शन के माध्यम से नशीली दवाएं लेते थे। इस वजह से यह भी संभावना है कि वह एचआईवी पॉजिटिव हो।
आनंद शुक्ला ने आगे कहा कि हमारे पास उत्तर प्रदेश राज्य एड्स सोसाइटी का एक पत्र है और यह पत्र समय-समय पर हमारे पास आता रहता है। इसके तहत जेल मुख्यालय के निर्देशानुसार हम जेल में आने वाले सभी पुरुष व महिला कैदियों की नियमित जांच करते हैं तथा यदि कोई संदिग्ध कैदी मिलता है तो उसकी पुष्टि जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर से कराते हैं। यहां से पुष्टि के बाद एचआईवी संक्रमण की दवा उनके एआरटी केंद्र से उपलब्ध हो जाती है। उनके लिए एक कार्ड भी बनाया गया है, जिसके अनुसार जेल के अंदर नियमित रूप से दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं।
पूरी घटना पर जेलर का बयान
वर्तमान में मऊ जेल में 13 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं। इनमें से 10 बलिया जिले के हैं जबकि तीन मऊ जिले के हैं। वर्तमान में बलिया जेल चालू नहीं है, इसलिए वहां के कैदियों को मऊ जेल में रखा जाता है। कैदियों से पूछताछ और जानकारी जुटाने के बाद पता चला कि कुछ कैदियों ने बलिया के ददरी मेले में टैटू बनवाया था, जिसके चलते संभव है कि टैटू के कारण ही उन्हें संक्रमण हुआ हो। कुछ कैदी ऐसे हैं जिनका नशीले पदार्थों की लत का इतिहास रहा है। जब वे एक साथ बैठते हैं और नशीली दवाएं लेते हैं, तो एचआईवी संक्रमण की प्रबल संभावना होती है। फिलहाल मऊ जिला जेल के अंदर कोई अफरातफरी वाली स्थिति नहीं है और सब कुछ नियंत्रण में है।