पोर्न स्टार ने 100 स्टूडेंट के साथ बनाए संबंध बनाने की सजा, इस देश ने एंट्री पर लगाया प्रतिबंध

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Adult Actress Bonnie Blue Ban: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने एक विवादास्पद मामले में मशहूर एडल्ट स्टार बोनी ब्लू पर देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनका वीजा रद्द कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंध कथित तौर पर सैकड़ों विदेशी छात्रों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए ये फैसला लिया गया है.

हाल ही में सामने आए इस मामले ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है. बोनी ब्लू, जो सोशल मीडिया पर लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं. ऑस्ट्रेलिया में यात्रा के दौरान कुछ छात्रों के साथ व्यक्तिगत संबंधों का खुलासा किया था. इसके बाद उनके फैंस के बीच उनकी छवि को लेकर कई सवाल खड़े हो गए.

सरकार के मुताबिक, उनके द्वारा अपनाए गए कुछ व्यवहारों के कारण देश की ‘सार्वजनिक नैतिकता और शैक्षिक संस्थानों की गरिमा’ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन विभाग ने उनके वीज पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. यह प्रतिबंध फिलहाल अनिश्चितकालीन अवधि के लिए है और मामले की गंभीरता के चलते इसे आगे भी जारी रखा जा सकता है.

अभिनेत्री गोल्ड कोस्ट पर स्कूलीज वीक से ठीक पहले जाने वाली थी, जहां वह 18 साल की उम्र के लड़कों को संबंध बनाने की पेशकश कर रही थी. यह लगातार दूसरा साल था जब 25 वर्षीय यह लड़की इच्छुक प्रतिभागियों के साथ संबंध बनाने के लिए कह रही थी. युवा वयस्कों के लिए उसका प्रस्ताव था कि वे उसे मुफ़्त में ऐसा करने के लिए वो कह रही थी सकते हैं, बशर्ते उसे इसे फिल्माने और अपलोड करने की अनुमति दी जाए.

बोनी ब्लू का नाम कई विवादों में पहले भी जुड़ चुका है, लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा गंभीर हो गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रों के साथ उनके संबंधों ने न केवल उनके फैंस बल्कि विश्वविद्यालयों और सरकारी संस्थाओं में भी चिंता बढ़ा दी है. छात्रों और अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस बारे में खुलकर नाराजगी जाहिर की है.

बोनी ब्लू के इस प्रतिबंध के बाद उनके प्रशंसकों में काफी गुस्सा और निराशा देखने को मिल रही है. कुछ लोगों का मानना है कि यह निर्णय कठोर है, जबकि कई लोगों का मानना है कि सार्वजनिक प्रभाव रखने वाले लोगों को अपने आचरण का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस कदम को छात्रों और विदेशियों की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है, ताकि उनके शैक्षिक और सामाजिक वातावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके.