ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने निमोनिया के खिलाफ लड़ाई जीत ली है। रोम के एक अस्पताल में भर्ती 88 वर्षीय पोप के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। डॉक्टर ने कहा है कि पोप गंभीर निमोनिया संक्रमण के चरण से गुजर चुके हैं। लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में कुछ समय लगेगा। पोप अब राहत की सांस ले रहे हैं। इससे पहले उन्हें ऑक्सीजन दी गई थी।
पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य में सुधार
रोम के एक अस्पताल में उपचार करा रहे पोप के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। फिलहाल उन्हें मास्क के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही है। पोप नियमित रूप से फिजियोथेरेपी भी ले रहे हैं। निमोनिया के कारण प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन से अधिक मौतें होती हैं। पोप ने कम उम्र में ही इस गंभीर बीमारी पर काबू पा लिया है। निमोनिया कैसे फैलता है? आइये इसके बारे में जानें. निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण है। जिससे फेफड़ों में मौजूद छोटी हवा की थैलियों में सूजन आ जाती है। और जैसे-जैसे यह सूजन बढ़ती है, वायु थैली पानी से भर जाती है। 2019 में निमोनिया के कारण 2.5 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। हर 13 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु होती है। यह संक्रमण बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है।
किस देश में मृत्यु दर सबसे अधिक है?
निमोनिया से होने वाली दो-तिहाई मौतें सिर्फ 20 देशों में होती हैं। इनमें भारत, चीन, नाइजीरिया, जापान, ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, पाकिस्तान, फिलीपींस, इथियोपिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इंडोनेशिया, यूनाइटेड किंगडम, बांग्लादेश, रूस, तंजानिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, जर्मनी और बुर्किना फासो शामिल हैं।