हिंदू धर्म में दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। घर या मंदिर में रोज़ पूजा के बाद रूई की बची हुई बाती और राख को सही तरीके से उपयोग में लाना चाहिए, न कि कूड़ेदान में फेंकना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये पवित्र वस्तुएं होती हैं और इन्हें सकारात्मक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बची हुई राख और बातियों का सही उपयोग
1. शुभ और पवित्र राख बनाकर रखें
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पूजा के बाद बची हुई बातियों को इकट्ठा करके जला दें।
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बनी हुई राख को एक डिब्बी में संभालकर रखें।
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इसे बच्चों को नजर दोष से बचाने के लिए तिलक के रूप में लगाया जा सकता है।
2. घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करें
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बची हुई बातियों को कपूर के साथ जलाकर घर के ऐसे कोने में रखें, जहां से मंदिर नजर न आता हो।
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इससे घर की निगेटिव एनर्जी दूर होगी और वातावरण शुद्ध रहेगा।
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ध्यान रखें कि इसे बाथरूम में न जलाएं।
3. प्राकृतिक रूम फ्रेशनर बनाएं
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बची हुई बातियों को कपूर, लौंग और लोहबान के साथ जलाएं।
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इससे न केवल निगेटिविटी दूर होगी बल्कि घर से बैक्टीरिया भी खत्म होंगे।
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यह प्राकृतिक रूम फ्रेशनर की तरह काम करेगा और वातावरण को शुद्ध बनाएगा।
4. पौधों के लिए उपयोग करें
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यदि आप बची हुई बातियों को दोबारा उपयोग में नहीं लाना चाहते, तो इन्हें जलाकर गमले की मिट्टी में डाल दें।
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इससे मिट्टी उपजाऊ होगी और पौधों को लाभ मिलेगा।