हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर गरमाई राजनीति, राहुल बोले- शेयर बाजार में बहुत जोखिम, संवैधानिक संस्थाएं कर रही हैं समझौता

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राहुल गांधी ऑन हिंडनबर्ग रिसर्च: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी ने सीधे अडानी समूह से मुलाकात की थी, जिसके बाद भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश में इस मामले में तीन सवाल पूछे हैं. राहुल गांधी ने कहा- खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेबी प्रमुख पर लगे गंभीर आरोपों से समझौता कर लिया गया है. देशभर के ईमानदार निवेशकों का सरकार से अहम सवाल है. 

राहुल गांधी के सवाल
एक्स पोस्ट में राहुल गांधी ने तीन सवाल पूछे, वो इस प्रकार हैं: सेबी चेयरपर्सन माधुरी पुरी बुच ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा? पीएम मोदी, सेबी चेयरमैन या गौतम अडानी? बेहद गंभीर आरोप सामने आने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में फिर से स्वत: संज्ञान लेना होगा?

कांग्रेस सांसद के मुताबिक- अब ये साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेपीसी जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं और इससे क्या खुलासा हो सकता है. राहुल गांधी ने जो वीडियो साझा किया, उसमें उन्होंने शुरुआत में एक क्रिकेट मैच के अंपायर का जिक्र किया, जिसमें (फिक्सिंग के मामले में) समझौता किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया और उदाहरण दिया कि जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मैच का अंपायर प्रभावित हो जाएगा तो मैच का क्या होगा.

सेबी चेयरमैन माधवी बुच पर लगे आरोपों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेसीपी) की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक जेपीसी इस मुद्दे की जांच नहीं करती, तब तक यह चिंता बनी रहेगी कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की संवैधानिक संस्थाओं के साथ सामंजस्य बिठाते हुए अपने सहयोगियों की रक्षा करना जारी रखेंगे, जिस पर पिछले सात दशकों से काम चल रहा है।