Political Storm: मांझी का PM मोदी पर विश्वास, कहा- विशेष दर्जा अब मांगने की ज़रूरत नहीं

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News India Live, Digital Desk: Political Storm: बिहार में सियासत हमेशा गरमागरम रहती है, और इस बार तो जनता दल यूनाइटेड (JDU) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच जारी बयानबाजी में एक नया मोड़ आ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली के ठीक बाद, उनके मंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने ऐसा बयान दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है. उन्होंने खुलेआम कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा बिहार में किए जा रहे विकास कार्य 'विशेष राज्य का दर्जा' मांगने वाले लोगों के गाल पर 'तमाचा' हैं. यह बयान तब आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मंच पर मौजूद थे, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं!

किस पर साधा निशाना?
हालांकि जीतन राम मांझी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यह बयान सीधा आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) की तरफ इशारा कर रहा है. विपक्ष लंबे समय से बिहार के लिए 'विशेष राज्य का दर्जा' की मांग कर रहा है. इसके जवाब में मांझी ने कहा कि "आज जो लोग बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं, उनके गाल पर मोदी सरकार के विकास कार्य जोरदार तमाचा हैं. प्रधानमंत्री खुद हर कदम पर बिहार की जनता का ध्यान रख रहे हैं. यही हमारे लिए सबसे बड़ा विशेष दर्जा है."

नीतीश कुमार की मौजूदगी में बयान के मायने
खास बात यह है कि जब मांझी ये बातें कह रहे थे, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मंच पर मौजूद थे और उन्हें सुनकर मुस्कुराते भी दिखे. इससे राजनीतिक पंडितों के बीच कई अटकलें तेज़ हो गई हैं. नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग के प्रमुख पैरोकार रहे हैं. ऐसे में उनकी मौजूदगी में मांझी का यह बयान या तो एनडीए के भीतर एकजुटता दिखाने का एक तरीका है, या फिर 'हम' द्वारा अपनी स्थिति मज़बूत करने की कोशिश.

PM मोदी की विकास यात्रा और विपक्ष का हमला
दरअसल, यह बयान ऐसे समय आया है जब पीएम मोदी खुद बिहार दौरे पर हैं और राज्य के लिए कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं. उन्होंने लगातार अपने भाषणों में बताया है कि उनकी सरकार ने बिहार के विकास के लिए कितना काम किया है. दूसरी तरफ, विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी के बिहार दौरों को चुनावी रणनीति का हिस्सा बताते हुए उन्हें केवल घोषणाएं करने और असल काम न करने का आरोप लगा रही हैं, और अभी भी विशेष दर्जे की अपनी मांग पर अड़ी हुई हैं.

यह देखना दिलचस्प होगा कि मांझी के इस बयान पर आरजेडी और कांग्रेस क्या प्रतिक्रिया देती हैं और बिहार की राजनीति में इसका क्या असर पड़ता है.

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