जर्मनी के चुनावों से पहले एलन मस्क के बयान से सियासी विवाद

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पश्चिमी यूरोप के देश जर्मनी में 23 फरवरी को होने वाले आगामी आम चुनावों से पहले, अमेरिकी अरबपति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक विवादास्पद बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। जर्मनी के प्रमुख अखबार ‘वेल्ट एम सोनटाग’ में प्रकाशित अपने ओपिनियन लेख में मस्क ने दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) का समर्थन करते हुए उसे “देश की आखिरी उम्मीद” बताया। मस्क के इस लेख पर जर्मनी की सरकार और प्रमुख नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया

जर्मनी सरकार के प्रवक्ता ने मस्क के इस लेख को “संघीय चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश” करार दिया। उन्होंने कहा कि भले ही मस्क को अपनी राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इस प्रकार की टिप्पणियां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
वहीं, क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के नेता और चांसलर पद के उम्मीदवार फ्रीडरिष मैर्त्स ने मस्क के इस बयान को “अस्वीकार्य हस्तक्षेप” बताते हुए कड़ी निंदा की।

मस्क ने अपने लेख में क्या कहा?

मस्क ने अपने लेख में AfD को जर्मनी के लिए “आखिरी उम्मीद की लौ” बताते हुए कहा कि यह पार्टी देश को आर्थिक समृद्धि, सांस्कृतिक अखंडता, और तकनीकी नवाचार के नए युग में ले जा सकती है। उन्होंने AfD को “दक्षिणपंथी चरमपंथी” के रूप में देखे जाने को गलत बताया। मस्क का कहना है कि जर्मनी में उनके निवेश ने उन्हें देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करने का अधिकार दिया है।

विवाद का विस्तार

मस्क का यह लेख, उनकी पिछले हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर की गई टिप्पणी का विस्तार है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “केवल AfD ही जर्मनी को बचा सकती है।” लेख के प्रकाशन के बाद अखबार के एक वरिष्ठ संपादक ने इस्तीफा दे दिया।

मस्क की राजनीति में सक्रियता

मस्क पहले भी अपनी राजनीतिक टिप्पणियों और ध्रुवीकरण विचारों के लिए चर्चित रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया था और उनके अभियान को आर्थिक मदद भी दी थी। मस्क की इस नई टिप्पणी ने जर्मनी में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रभाव पर बहस छेड़ दी है।

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