पंजाब में ऑडियो बम से सियासी धमाका सुखबीर बादल ने शेयर की रिकॉर्डिंग, पुलिस अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

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News India Live, Digital Desk : Punjab की राजनीति शांत हो ही नहीं सकती। अभी गिद्देरबाहा चुनाव और बाकी मुद्दों की गर्मी ठंडी भी नहीं हुई थी कि Shiromani Akali Dal (SAD) के प्रधान Sukhbir Singh Badal ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा 'ऑडियो बम' फोड़ दिया है, जिसकी गूंज चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक सुनाई दे रही है।

सुखबीर बादल ने अपने 'X' (ट्विटर) हैंडल पर एक Audio Clip शेयर किया है। उनका दावा है कि इसमें जो आवाज़ है, वो पंजाब पुलिस के एक बड़े अधिकारी (SSP) की है जो अपने जूनियर्स को गलत काम करने के आदेश दे रहे हैं।

चलिए, बिना किसी लाग-लपेट के, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर इस ऑडियो में ऐसा क्या है जिसने पूरी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

"कागज फाड़ देना, लेकिन नॉमिनेशन मत होने देना"

मामला पंजाब में होने वाले स्थानीय निकाय (Panchayat/Block Samiti) चुनावों से जुड़ा है। सुखबीर बादल ने जो ऑडियो जारी किया, उसमें कथित तौर पर एक अधिकारी पुलिस वालों को निर्देश दे रहे हैं।

बादल का आरोप है कि ऑडियो में साफ सुना जा सकता है कि कैसे पुलिस को आदेश दिए जा रहे हैं कि—
"अगर अकाली दल या विपक्षी पार्टी का कोई कैंडिडेट नॉमिनेशन भरने आए, तो उसके कागज फाड़ देना। कोई कमी निकालकर रिजेक्ट कर देना या उन्हें सेंटर तक पहुँचने ही मत देना।"

सुखबीर ने इसे 'लोकतंत्र का कत्ल' बताया है। उन्होंने सीधे तौर पर पटियाला के एसएसपी (SSP) का नाम लेते हुए दावा किया है कि यह आवाज़ उनकी है। उनका कहना है कि Bhagwant Mann की सरकार हार के डर से अब पुलिस का इस्तेमाल गुंडागर्दी के लिए कर रही है।

पुलिस का पलटवार: "यह सब AI का किया-धरा है"

अब जाहिर है, इतने गंभीर आरोप लगेंगे तो जवाब तो आएगा ही। जैसे ही यह क्लिप वायरल हुई, पंजाब पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। पटियाला पुलिस ने सुखबीर बादल के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।

पुलिस का कहना है कि यह ऑडियो पूरी तरह से फेक (Fake) है। अधिकारियों का तर्क है कि आजकल AI (Artificial Intelligence) और डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके किसी की भी आवाज़ बनाई जा सकती है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि गलत जानकारी और भ्रम फैलाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मतलब साफ़ है, अब यह लड़ाई "असली आवाज़ बनाम एआई" पर आ गई है।

बादल बोले- "फॉरेंसिक जांच करा लो"

उधर, सुखबीर बादल पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने खुली चुनौती दी है कि अगर सरकार को लगता है कि यह ऑडियो फेक है, तो इसकी सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से फॉरेंसिक जांच करा ली जाए। उन्होंने चुनाव आयोग से भी दखल देने की मांग की है।

जनता क्या सोचे?

इस पूरे ड्रामे के बीच आम वोटर कन्फ्यूज है। सवाल यह है कि क्या सच में सत्ता पक्ष विपक्ष को रोकने के लिए इतना गिर सकता है? या फिर विपक्ष हार के डर से फेक ऑडियो का सहारा ले रहा है?

सच्चाई जो भी हो, लेकिन इस वायरल ऑडियो ने पंजाब की कड़ाके की ठंड में सियासी पारा ज़रूर चढ़ा दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निकलता है साजिश या सच?

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