अयोध्या में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। मंगलवार को ड्रोन रोधी प्रणाली के परीक्षण के दौरान पुलिस ने राम मंदिर मार्ग पर एक संदिग्ध ड्रोन को पकड़ लिया, जो असामान्य परिस्थितियों में उड़ रहा था। पुलिस का दावा है कि यह ड्रोन भीड़ में भगदड़ मचाने की साजिश का हिस्सा था।
महाकुंभ 2025 के दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर के दर्शन के लिए आ रहे हैं, जिससे यहां भीड़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे को लेकर सतर्क हैं।
ड्रोन पकड़ने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दी जानकारी
पुलिस के अनुसार, ड्रोन रोधी प्रणाली के परीक्षण के दौरान राम मंदिर मार्ग के ऊपर एक संदिग्ध ड्रोन मंडराते हुए पाया गया। तुरंत कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने उसे जब्त कर लिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर परिसर और उसके आसपास ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। बम निरोधक दस्ते द्वारा ड्रोन की गहन जांच के बाद पुष्टि की गई कि इससे कोई सीधा सुरक्षा खतरा नहीं था।
भगदड़ मचाने की साजिश का पर्दाफाश
घटना को लेकर पुलिस ने राम जन्मभूमि थाने में प्राथमिकी दर्ज की है। जांच में सामने आया कि यह ड्रोन भीड़ के बीच गिराकर भगदड़ मचाने और अयोध्या में बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत उड़ाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, यह सुनियोजित षड्यंत्र था, जिसका उद्देश्य राम मंदिर और उसके आसपास भय और अफरा-तफरी फैलाना था।
संदिग्ध की पहचान और जांच जारी
इस मामले में पुलिस ने BNS की धारा 125 और 233 के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि, अभी तक अधिकारियों ने संदिग्ध की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, कथित साजिशकर्ता की पहचान हरियाणा के गुरुग्राम निवासी के रूप में की गई है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं।