पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर सकती, वे डॉक्टरों की सुरक्षा कैसे करेगी: एचसी ने ममता सरकार को फटकार लगाई

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कोलकाता आरजी कर हॉस्पिटल रेप केस: आरजी कर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ मामले में कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी है. इस बीच हाई कोर्ट ने कहा कि यह घटना कानून-व्यवस्था की विफलता है. 14 अगस्त की रात अस्पताल में तोड़फोड़ की गयी थी.

आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ का मामला सीबीआई को सौंपे जाने से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी जूनियर महिला डॉक्टर से रेप और हत्या मामले की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है. गौरतलब है कि महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद लोग आक्रोशित हैं. कोलकाता पुलिस जांच कर रही थी. जिसे अब सीबीआई को सौंप दिया गया है.

सुनवाई के दौरान शुक्रवार को हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने कहा कि हम अस्पताल बंद कर देंगे. हम सभी लोगों को शिफ्ट कर देंगे. छात्रावास बंद करो. कितने मरीज हैं?

हाई कोर्ट ने भी राज्य पुलिस के खिलाफ रुख अपनाया. कोर्ट ने कहा कि जब पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर सकती. तो एक डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करता है? चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि पुलिस अपने ही लोगों को नहीं बचा सकती, यह बहुत खराब स्थिति है, ऐसे में एक डॉक्टर निडर होकर कैसे काम कर सकता है?

दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि अदालत को अस्पताल में तोड़फोड़ और भीड़ के हमलों के संबंध में कई ईमेल प्राप्त हुए हैं।

ममता सरकार ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच को जवाब दिया कि, ‘…वहां करीब 7,000 लोगों की भीड़ थी. अचानक भीड़ बढ़ गई…मेरे पास वीडियो है।’ उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए…आंसू गैस के गोले छोड़े गए और 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए. डिप्टी कमिश्नर घायल हो गये. पुलिस की गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं। आपातकालीन कक्ष में तोड़फोड़ की गई लेकिन अपराध स्थल सुरक्षित था।