पीओके हमारा था और हमारा रहेगा, हम पीएम मोदी के नेतृत्व में चीन को मुंहतोड़ जवाब देंगे

देश में जब लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश चीन-पाकिस्तान को लेकर बयान दिया और कहा कि भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा. चीन को सख्त संदेश देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी सत्ता में रहते हुए देश की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर पाएंगे. आगे उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जीवन में दोस्त तो बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते. पीओके हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा लेकिन अगर पाकिस्तान को लगता है कि वह आतंकवाद पर लगाम नहीं लगा पा रहा है तो भारत उसकी मदद करने को तैयार है. अगर पाकिस्तान आतंकवाद बंद कर दे तो भारत उसका सहयोग करने को तैयार है। पाकिस्तान को आतंकवाद का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

देश सुरक्षित हाथों में है, देश की जनता को चिंता करने की जरूरत नहीं है।’

बुधवार 10 अप्रैल को संभल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय देश सुरक्षित हाथों में है और देश की जनता को चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का जिक्र किया और कहा कि जब से बीजेपी ने धारा 370 हटाने का काम किया है, तब से कश्मीर में न तो अलगाववाद है और न ही पत्थरबाजी है. यह भी संभव है कि पीओके के लोग भी हमें कश्मीर का हिस्सा बनाने के लिए आगे आएं.

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश ने भी चीन का हवाला दिया था

अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अपनी वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश की तीन जगहों के नाम बदल दिए हैं. मैं अपने पड़ोसी को बताना चाहता हूं कि नाम बदलने से कुछ नहीं होने वाला है. अगर कल हम कुछ चीनी प्रांतों और कुछ राज्यों के नाम बदल दें, तो क्या वे क्षेत्र भारत का हिस्सा बन जाएंगे?… हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं लेकिन अगर कोई भारत के सम्मान, गरिमा और आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाता है तो हम जवाबी कार्रवाई करने की भी ताकत रखते हैं। सम्मान है

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है

खास बात यह है कि अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के बदले हुए नामों की पहली सूची चीन ने साल 2017 में जारी की थी. साल 2021 में दूसरी लिस्ट आई जिसमें 15 पदों के नाम बदले गए. इसके बाद वर्ष 2023 में 11 स्थानों के नामों की एक और सूची जारी की गई। हालांकि, राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि भारत चीन के साथ किसी भी तरह के समझौते या बातचीत के लिए तैयार नहीं है। भारत ने साफ कर दिया है कि अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग है. किसी का नाम बदलने से उसे भारत से अलग नहीं किया जा सकता.