अमेरिका की यात्रा पर आए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग, हरित ऊर्जा और द्विपक्षीय व्यापार सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा की। कुछ महत्वपूर्ण समझौते भी किये गये।
दोनों देशों ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खरीद-बिक्री के मुद्दे पर चर्चा की। इसके अलावा, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया। मोदी की यात्रा से भारत को क्या लाभ हुआ, इसका एक संक्षिप्त विवरण यहां दिया गया है।
दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। जिसमें दोनों देश 10 वर्षीय रूपरेखा बनाने पर सहमत हुए। जिसके तहत दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल, स्ट्राइकर सशस्त्र लड़ाकू वाहन और पी-81 नौसैनिक निगरानी विमान खरीदेगा। अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र यातायात विनियमन की समीक्षा की जाएगी। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की आपूर्ति भी संभव होगी। दोनों देश पारस्परिक रक्षा हेतु उपकरण खरीदने पर सहमत हुए। दोनों देश एक-दूसरे से प्रमुख रक्षा उपकरण खरीदने और बेचने पर सहमत हुए। अंतरिक्ष, वायु सुरक्षा, मिसाइल, समुद्री सुरक्षा और नौसैनिक युद्ध जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अमेरिका ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट एफ-35 विमान बेचने की अपनी नीति की समीक्षा करने की इच्छा व्यक्त की है। लॉकहीड मार्टिन ने कहा कि हम दोनों देशों के साथ मिलकर काम करेंगे। भारतीय सेना को मजबूत करने के लिए एफ-35 जैसे विमान, साथ ही जैवलिन और हेलीकॉप्टर भी भारत को बेचे जाएंगे।
भारत और अमेरिका ने स्वायत्त प्रणाली उद्योग गठबंधन (एएसआईए) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत दोनों देश समुद्री सहयोग के दायरे का विस्तार करेंगे। अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस के तहत संवेदनशील तकनीक विकसित की जाएगी। समुद्री पिकेट निगरानी प्रणाली, वेब ग्लाइडर मानवरहित वाहन, कम आवृत्ति सक्रिय सोनार। कई प्रौद्योगिकियां विकसित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं।
आप्रवासियों पर चर्चा: दोनों नेताओं ने आप्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की। जिसमें संयुक्त डिग्री, अपतटीय परिसरों और उत्कृष्टता केंद्रों पर चर्चा की गई। अवैध भारतीय आप्रवासियों और मानव तस्करी को रोकने पर सहमति बनी। संगठित अपराध को रोकने के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद से निपटने पर भी चर्चा की गई।
तकनीकी सहयोग: सरकार, शिक्षा और निजी क्षेत्र में दोनों देशों के बीच प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए संबंधों में परिवर्तन हेतु एक योजना तैयार की जाएगी। एआईवी के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। अमेरिका में भारतीय दवाओं का उत्पादन बढ़ेगा। राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन और भारतीय राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के बीच तकनीकी और अनुसंधान सहयोग बढ़ाया जाएगा।
द्विपक्षीय व्यापार: भारत-अमेरिका ने 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ऊर्जा: दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा सहित हरित ऊर्जा पर चर्चा की। अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन देने पर सहमति व्यक्त की। असैन्य परमाणु समझौतों के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास और विनिर्माण में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की।