PM मोदी का स्वदेशी मंत्र: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आत्मनिर्भर भारत की पुकार

Post

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक ऐसे आह्वान किया, जिसने सीधे हर भारतीय के दिल को छुआ। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बढ़ते साय के बीच, उन्होंने देशवासियों से 'स्वदेशी' के विचार को फिर से जीवन देने और स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब पूरी दुनिया आर्थिक उठापटक से जूझ रही है, तब भारत को अपनी जड़ों से जुड़कर, मेक इन इंडिया और 'वोकल फॉर लोकल' के नारे को केवल नारा नहीं, बल्कि जीने का तरीका बनाना होगा।

क्यों कर रहे हैं PM मोदी यह आह्वान?
दुनिया की अर्थव्यवस्था एक नाजुक दौर से गुजर रही है, जहाँ हर देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगभग 70 देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर 25% आयात शुल्क (tariffs) लगाने के फैसले ने वैश्विक व्यापार को और जटिल बना दिया है।यह कदम भारतीय निर्यातकों, खासकर इंजीनियरिंग, कपड़ा और फार्मास्युटिकल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, जिससे 'भारत के एक्सपोर्ट' महंगे होंगे। ऐसे माहौल में, प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम लिए बिना, सचेत रहने और 'भारत के आर्थिक विकास' को सर्वोपरि रखने की सलाह दी।यह समय है कि 'तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था' बनने की राह पर अग्रसर भारत, अपने 'आर्थिक प्राथमिकताओं' पर एकाग्र रहे।

'स्वदेशी' – सिर्फ उत्पाद नहीं, एक राष्ट्रव्यापी भावना!
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि 'स्वदेशी' का अर्थ केवल स्वदेशी सामान खरीदना नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और राष्ट्रीय वक्तव्य है उन्होंने जनता से एक 'राष्ट्रव्यापी आंदोलन' चलाने का आग्रह किया, जहाँ राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर, हर भारतीय 'स्थानीय उद्योगों' का समर्थन करे। यह केवल मैं नहीं कह रहा, हर भारतीय को यह सोचना होगा,” उन्होंने जोर दिया। “यदि हम 'विकसित भारत' का सपना पूरा करना चाहते हैं, तो हर राजनेता, हर दल को 'राष्ट्र हित' में काम करना होगा और लोगों में स्वदेशी भावना जगानी होगी।

'वोकल फॉर लोकल' – आपकी खरीदारी, देश की तरक्की!
उन्होंने विशेष रूप से दुकानदारों और व्यापारियों से अपील की कि वे 'त्योहारों' और 'शादी के मौसम' से पहले, अपनी दुकानों में केवल 'भारतीय निर्मित सामान' बेचने का संकल्प लें। प्रधानमंत्री ने आम नागरिकों से 'जागरूक उपभोक्ता' बनने का आह्वान करते हुए कहा, "जब भी आप कुछ खरीदें, तो पूछें – क्या इसे बनाने में किसी 'भारतीय' ने मेहनत की है? अगर वह हमारे 'लोगों के पसीने' और 'कौशल' से बना है, तो वह 'स्वदेशी' है। वोकल फॉर लोकल का यह मंत्र वास्तव में लोकल से ग्लोबल' बनने की राह खोलता है, जहाँ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने से 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME)' को मजबूती मिलती है।

नागरिकों की भागीदारी से बनेगा 'मजबूत भारत'
पीएम मोदी ने जोर दिया कि सरकार 'किसानों', 'छोटे उद्योगों' और 'युवाओं के रोजगार' के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन 'राष्ट्रीय परिवर्तन' के लिए 'नागरिकों की भागीदारी' अत्यंत आवश्यक है।जब नागरिक 'मेक इन इंडिया' को अपनाएंगे, तो यह 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। यह 'महात्मा गांधी' के सपनों को पूरा करने का भी सबसे सच्चा तरीका है।

--Advertisement--

Tags:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी स्वदेशी उत्पाद मेड इन इंडिया वोकल फॉर लोकल आत्मनिर्भर भारत वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता आयात शुल्क टैरिफ भारतीय निर्यात आर्थिक विकास भारत की अर्थव्यवस्था तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था किसान छोटे उद्योग युवा रोजगार नागरिक भागीदारी स्थानीय उद्योग स्वदेशी भावना व्यापार दुकानदार जागरूक उपभोक्ता राष्ट्रव्यापी आंदोलन राष्ट्रीय हित सांस्कृतिक राष्ट्रीय वक्तव्य मेक इन इंडिया आत्मनिर्भरता महात्मा गांधी राष्ट्रीय परिवर्तन स्वदेशी मंत्र भारतीय कौशल सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग MSME डिजिटल इंडिया स्थानीय उद्यमिता विकसित भारत स्थानीय उत्पादों का समर्थन राष्ट्र निर्माण PM Narendra Modi Swadeshi Made in India Vocal for Local Self-reliant India Global Economic Uncertainty Import Duty Tariffs Indian exports Economic Growth India's Economy Third Largest Economy Farmers Small Industries Youth Employment Citizen Participation Local Industry Swadeshi Spirit Traders Shopkeepers Conscious Consumer Nationwide Movement National Interest Cultural National Statement Make in India Self-Reliance Mahatma Gandhi National Transformation Swadeshi Mantra Indian Skill MSME Digital India Local Entrepreneurship Developed India Local Products Support nation building

--Advertisement--