भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 74 साल की उम्र में भी ऊर्जावान और स्वस्थ नजर आते हैं। उनकी कार्यशैली और दिनभर की व्यस्त दिनचर्या को देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगाना मुश्किल है। पीएम मोदी की फिटनेस का राज उनके अनुशासित जीवन और व्रत रूटीन में छिपा है। हाल ही में, अमेरिका स्थित पॉडकास्टर और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में उन्होंने अपने फास्टिंग रूटीन के बारे में बताया और यह भी साझा किया कि उपवास ने उनकी जीवनशैली को कैसे प्रभावित किया।
कैसा है पीएम मोदी का उपवास रूटीन?
चातुर्मास उपवास:
पीएम मोदी ने बताया कि वे चातुर्मास की प्राचीन भारतीय परंपरा का पालन करते हैं, जो जून के मध्य से दिवाली के बाद तक चलता है। इस दौरान:
वे 24 घंटे में केवल एक बार भोजन करते हैं।
मानसून में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, इसलिए इस तरह का उपवास शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
नवरात्रि उपवास:
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नवरात्रि के नौ दिनों तक पीएम मोदी भोजन से पूरी तरह परहेज करते हैं और सिर्फ गर्म पानी पीते हैं।
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मार्च-अप्रैल में आने वाली चैत्र नवरात्रि के दौरान वे दिन में केवल एक बार एक ही प्रकार का फल खाते हैं।
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यदि वे पपीते का चयन करते हैं, तो पूरे नौ दिनों तक सिर्फ पपीता ही खाते हैं।
कैसे बनी उपवास पीएम मोदी की जीवनशैली का हिस्सा?
पिछले 50 सालों से उपवास उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है।
गर्म पानी पीना उनके रूटीन का अभिन्न अंग बन गया है।
उपवास से उनका शरीर और मन दोनों संतुलित रहते हैं।
पीएम मोदी का यह अनुशासित जीवन और स्वस्थ दिनचर्या उनकी ऊर्जा और फिटनेस का राज है। उनका व्रत रूटीन हमें भी यह सिखाता है कि संयम और अनुशासन से हम अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बेहतर बना सकते हैं।