जी-7 में पीएम मोदी एआई, अफ्रीका, एनर्जी, ग्लोबल साउथ जैसे मुद्दे उठाएंगे

नई दिल्ली/रोम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरा कार्यकाल संभालने के बाद गुरुवार शाम अपने पहले विदेश दौरे पर रवाना हो गए. पीएम मोदी इटली में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अपुलीया पहुंच गए हैं. पीएम मोदी इस दौरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के मुद्दों पर फोकस करेंगे. शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी के इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सहित अन्य वैश्विक नेताओं के साथ बैठक करने की संभावना है।

विश्व के विकसित देशों के संगठन (जी-7) की वार्षिक बैठक इस साल इटली की अध्यक्षता में अपुलीया में गुरुवार से शुरू हो गई है और शनिवार तक चलेगी। यूरोपीय संघ में दक्षिणपंथी नेताओं के बढ़ते प्रभुत्व के बावजूद, जी-7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के देश यूक्रेन के लिए 50 अरब डॉलर के ऋण पर समझौते की घोषणा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह कर्ज पश्चिमी देशों में रूसी संपत्तियों को जब्त करने से मिले मुनाफे से वसूला जाएगा. 

जी-7 देशों की यह बैठक यूरोप में रूस और यूक्रेन और मध्य पूर्व में इजराइल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध के साथ-साथ अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच हो रही है. जी-7 समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। 

भारत जी-7 का सदस्य देश नहीं है, लेकिन इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर पीएम मोदी जी-7 में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचे हैं. पीएम मोदी लगातार पांचवीं बार जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं और भारत 11वीं बार भागीदार बन रहा है. एनडीए सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल में अपने पहले विदेश दौरे के तहत पीएम मोदी इटली के अलुपिया पहुंचे हैं। वे शुक्रवार को एक आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। इस सत्र में मोदी ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

इसके अलावा पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की भी संभावना है. जी-7 बैठक के दौरान मोदी जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें वह भारत और इटली के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और भारत-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके अलावा मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत कुछ वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। ट्रूडो के साथ बैठक में मोदी कनाडा में खालिस्तान तत्वों को स्थानीय सरकार के समर्थन का विरोध कर सकते हैं।