PM Kisan's Big Announcement: अब ई-केवाईसी के बिना नहीं मिलेगी कोई भी किस्त सभी लाभार्थी तुरंत करें यह काम
News India Live, Digital Desk: PM Kisan's Big Announcement: भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'पीएम किसान सम्मान निधि' के तहत, किसानों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को लेकर एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य घोषणा की गई है। इस योजना के सभी लाभार्थियों के लिए अब 'ई-केवाईसी' Electronic Know Your Customer करवाना बेहद जरूरी कर दिया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों का ई-केवाईसी नहीं हुआ है, उन्हें आगामी किस्तों का लाभ नहीं मिल पाएगा। यह कदम योजना में पारदर्शिता लाने, फर्जीवाड़े को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि इसका लाभ केवल पात्र और वास्तविक किसानों तक ही पहुँचे।
यदि आप भी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं और आपने अभी तक अपना ई-केवाईसी नहीं करवाया है, तो आपको यह काम बिना किसी देरी के कर लेना चाहिए। यह प्रक्रिया बहुत सरल है और इसे दो मुख्य तरीकों से पूरा किया जा सकता है। पहला तरीका है 'ओटीपी-आधारित ई-केवाईसी', जिसे आप घर बैठे पीएम किसान सम्मान निधि की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपके आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल नंबर एक्टिव होना चाहिए ताकि उस पर ओटीपी आ सके। दूसरा तरीका 'बायोमेट्रिक आधारित ई-केवाईसी' है, जिसके लिए आपको अपने निकटतम सामान्य सेवा केंद्र CSC या जन सेवा केंद्र पर जाना होगा। यहाँ आपको अपने अंगूठे के निशान या बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से अपना ई-केवाईसी पूरा करवाना होगा।
सरकार चाहती है कि योजना से जुड़ा प्रत्येक किसान स्वयं को पूरी तरह सत्यापित करे ताकि कोई भी अवांछित व्यक्ति योजना का दुरुपयोग न कर सके। यदि ई-केवाईसी नहीं किया जाता है, तो भविष्य में आने वाली कोई भी किस्त सीधे तौर पर लाभार्थी के खाते में नहीं डाली जाएगी और वह अटक सकती है।
इसके अलावा, लाभार्थी किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति या नवीनतम किस्त का विवरण जानने के लिए पीएम किसान पोर्टल पर अपने पंजीकरण नंबर या आधार नंबर का उपयोग कर सकते हैं। पोर्टल पर "बेनिफिशियरी स्टेटस" और "बेनिफिशियरी लिस्ट" जैसे विकल्प उपलब्ध हैं, जहाँ से किसान यह जाँच कर सकते हैं कि उनका नाम सूची में है या नहीं और उनकी पिछली किस्तें मिली हैं या नहीं। सरकार की यह पहल देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि यह सहायता एक पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से सही हाथों तक पहुँचे।.
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