कांग्रेस ऑन पीएम नरेंद्र मोदी फॉर रेसलर विनेश फोगाट: ओलिंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल से पहले ही मुकाबले के लिए अयोग्य करार दिए जाने पर कांग्रेस ने केंद्र पर हमला बोला और पूछा कि, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में युद्ध करेंगे यूक्रेन को रोका जा सकता है, विनेश को न्याय के कटघरे में क्यों नहीं लाया जा सकता?’
यदि रूस-यूक्रेन युद्ध रोका जा सकता है, तो विनेश को न्याय के कटघरे में क्यों नहीं लाया जा सकता?
आज (7 अगस्त) कांग्रेस पार्टी ने कहा, ‘भारतीय पहलवान विनेश एक साजिश का शिकार हो गई हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को रोक सकते हैं तो विनेश को न्याय के कटघरे में क्यों नहीं लाया जा सकता? बता दें कि विनेश ने कल (6 अगस्त) अपने वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया. इस बीच उन्हें कम से कम रजत पदक मिलना तय था, लेकिन अब 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा ?
एआईसीसी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘फोगाट ने सात घंटे के अंदर प्री-क्वार्टर, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर पेरिस ओलंपिक में देश का झंडा फहराया है. पिछले 82 मुकाबलों से अपराजित विश्व कुश्ती स्वर्ण पदक विजेता युई सुसाकी पर भारत की बेटी ने भारतीय तिरंगा फहराया है। फोगाट कुश्ती के मैदान पर नहीं बल्कि साज़िश की राजनीति के कारण हारी थीं. खेल राजनीति की बलि चढ़ा दी गई.’
रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मंगलवार को देश का हर नागरिक ऐसे जश्न मना रहा था जैसे उसकी अपनी बेटी जीत गई हो. लेकिन सत्ता पक्ष, खेल मंत्री, प्रधानमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष विनेश फोगाट उन्हें बधाई देने से बच रहे हैं. वे कौन लोग हैं जो विनेश फोगाट की जीत को पचा नहीं पाए और जिन्होंने उनकी पीठ में छुरा घोंपा? क्या हमारे अपने लोगों को उनके पदक से कोई आपत्ति है? प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने हार पर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया, लेकिन जब फोगाट ने एक ही दिन में तीन मैच जीते तो उन्होंने ऐसा नहीं किया।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जब फोगाट हार गईं तो प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने सहानुभूति वाले ट्वीट करना शुरू कर दिया. हमें सहानुभूति नहीं, न्याय चाहिए. भारतीय कुश्ती महासंघ और सरकार चुप क्यों हैं और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का दरवाजा क्यों नहीं खटखटा रहे हैं? खेल मंत्री पेरिस के बजाय यहां क्यों हैं?
पीएम विनेश को न्याय क्यों नहीं मिल सकता?
सुरजेवाला ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री, जो यूक्रेन-रूस युद्ध रोक सकते थे, फोगाट को न्याय क्यों नहीं दिला सके? अधिकारी उसके साथ क्या कर रहे हैं, क्योंकि नियमों के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी चोट के कारण खेल से हट जाता है, तो वह जीता हुआ पदक अपने पास रखता है. उन्होंने वजन की जांच की होगी और यदि वजन अधिक था तो वे पदक बचाने के लिए उसे चोट के कारण हटने की सलाह दे सकते थे।’ वहीं, सुरजेवाला ने खेल मंत्री मनसुख मंडाविया के संसद में दिए गए बयान की आलोचना करते हुए कहा, ”उनकी ट्रेनिंग पर लाखों खर्च किए गए.”