प्रधानमंत्री आवास योजना 2024-25: 9 अगस्त को कैबिनेट ने 2024-25 से 2028-29 तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई) के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत मैदानी इलाकों में 1.2 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों और पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 1.3 लाख रुपये की मौजूदा इकाई सहायक दर पर मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इस योजना के अनुसार अगले पांच वर्षों के दौरान दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे, जिससे 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके लिए 2024-25 से 2028-29 तक कुल 3,06,137 करोड़ रुपये का व्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें 2,05,856 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा और 1,00,281 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा शामिल है।
सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 31 मार्च 2024 तक अधूरे रह गए 35 लाख मकानों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, ताकि पिछले चरण के 2.95 करोड़ मकानों के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
1 करोड़ मकान शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ मकान
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 को भी मंजूरी दी, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को शहरी क्षेत्रों में किफायती लागत पर मकान बनाने, खरीदने या किराये पर लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ घर आए हैं, देशभर में बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव आया है। 3 करोड़ और नए घरों के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई है। इसके लिए बजट प्रावधान 3,60,000 करोड़ रुपये होगा। 2 करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में और 1 करोड़ घर शहरी इलाकों में होंगे।”