बवासीर (Piles) के लिए वरदान है बकायन, जानें इसे खाने का सही तरीका और फायदे

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नई दिल्ली: बवासीर (Piles) या भगंदर एक कष्टदायक बीमारी है जो न केवल शारीरिक रूप से दर्दनाक होती है, बल्कि लोगों के लिए शर्मिंदगी का कारण भी बन सकती है। हालांकि, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में कई ऐसे घरेलू उपचार हैं जो इस समस्या से राहत दिला सकते हैं। ऐसा ही एक प्रभावी नुस्खा है 'बकायन' (Bakayan) या मेलिया एज़ेडेराच (Melia azedarach) का उपयोग।

बकायन क्या है?
बकायन एक ऐसा पेड़ है जिसकी पत्तियों, छाल और फलों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। यह अपने सूजन-रोधी (anti-inflammatory) और कसैले (astringent) गुणों के लिए जाना जाता है, जो इसे बवासीर जैसी समस्याओं में विशेष रूप से लाभकारी बनाता है।

बकायन बवासीर के लिए कैसे फायदेमंद है?

सूजन कम करे: बकायन में ऐसे यौगिक होते हैं जो प्रभावित क्षेत्र में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है।

एंटीसेप्टिक गुण: इसके एंटीसेप्टिक (Antiseptic) गुण संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं, जो बवासीर में एक आम समस्या हो सकती है।

दर्द से राहत: बकायन के प्रयोग से गुदा क्षेत्र में होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है।

कब्ज में राहत: कुछ शोधों के अनुसार, बकायन का उपयोग कब्ज को दूर करने में भी सहायक हो सकता है, जो बवासीर का एक प्रमुख कारण है।

बकायन का सेवन कैसे करें?

बकायन का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इसके कुछ हिस्से ज़हरीले भी हो सकते हैं। इसलिए, हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से ही इसका उपयोग करें।

बकायन के पत्तों का काढ़ा (Decoction):

कुछ ताज़े बकायन के पत्तों को अच्छी तरह धो लें।

लगभग 2-3 पत्तों को पानी में उबालें और उसका काढ़ा बनाएं।

इस काढ़े को छानकर दिन में एक या दो बार पीने से लाभ मिल सकता है। हालांकि, पत्तों की मात्रा और सेवन का तरीका विशेषज्ञ से पूछना ज़रूरी है।

बकायन के फलों का प्रयोग (सावधानी के साथ):

बकायन के फलों का उपयोग भी कुछ पारंपरिक उपचारों में होता है, लेकिन ये ज़्यादा ज़हरीले हो सकते हैं। इनका उपयोग अत्यंत सावधानी से और केवल विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए।

महत्वपूर्ण सावधानियां:

मात्रा का ध्यान रखें: बकायन के किसी भी हिस्से का सेवन निर्धारित मात्रा से अधिक नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह नुकसानदायक हो सकता है।

गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूर रखें: बकायन गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है।

हमेशा डॉक्टर की सलाह लें: किसी भी घरेलू उपचार को अपनाने से पहले, विशेष रूप से बवासीर जैसी स्थिति में, एक योग्य चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना अनिवार्य है। वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सही उपचार विधि और खुराक बता सकते हैं।

बकायन बवासीर के उपचार में एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि हो सकती है, लेकिन इसका सुरक्षित और सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर मार्गदर्शन आवश्यक है।

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