
हर बार जब हम अपनी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरवाने जाते हैं, हमारी नजर सीधी मीटर पर जाती है—कितना लिटर आया, कितने पैसे लगे। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया कि वहां एक डेंसिटी मीटर भी लगा होता है? दरअसल, पेट्रोल पंप पर हो रही कई मिलावट और धोखाधड़ी की असली कहानी इसी डेंसिटी मीटर में छुपी होती है।
आजकल कुछ पेट्रोल पंप ऑपरेटर शॉर्टकट अपनाकर ईंधन की गुणवत्ता से समझौता करते हैं। पेट्रोल में पाम ऑयल, केरोसीन या जरूरत से ज्यादा एथेनॉल मिलाया जाता है, जिससे फ्यूल तो पूरा दिखता है लेकिन उसकी क्वालिटी घट जाती है—और ये सीधा असर डालता है आपके वाहन के परफॉर्मेंस पर।
क्यों जरूरी है डेंसिटी मीटर पर नजर रखना?
डेंसिटी यानी घनत्व से यह पता चलता है कि पेट्रोल या डीजल में कोई बाहरी पदार्थ मिलाया गया है या नहीं। यह एक वैज्ञानिक तरीका है यह जांचने का कि फ्यूल शुद्ध है या नहीं। अगर डेंसिटी अपने मानक से ऊपर या नीचे है, तो समझ लीजिए कि कुछ गड़बड़ है।
फ्यूल मिलावट से नुकसान क्या होता है?
- इंजन की परफॉर्मेंस पर असर
- गाड़ी की एवरेज कम हो जाती है
- इंजन में ज्यादा गर्मी या नॉइस
- लॉन्ग टर्म में इंजन खराब हो सकता है
मिलावटी फ्यूल सिर्फ कुछ पैसे बचाने की कोशिश नहीं, आपके वाहन की सेहत के साथ खिलवाड़ है।
कितनी होनी चाहिए डेंसिटी? (मानक)
फ्यूल टाइप | सही डेंसिटी रेंज (kg/m³) |
---|---|
पेट्रोल | 730 – 770 |
डीजल | 820 – 860 |
अगर आपकी गाड़ी में भरे जा रहे फ्यूल की डेंसिटी इन आंकड़ों से अलग है, तो सावधान हो जाइए।
कैसे चेक करें डेंसिटी मीटर?
- हर पेट्रोल पंप पर डेंसिटी चेक करने का मीटर लगाया जाना अनिवार्य है।
- आप ऑपरेटर से डेंसिटी दिखाने की मांग कर सकते हैं।
- अगर वे इनकार करते हैं या बहाने बनाते हैं, तो वहां से फ्यूल ना भरवाएं और शिकायत दर्ज करें।
मिलावट की पहचान कैसे करें?
- गाड़ी चलाते वक्त झटके लगना या पिकअप में कमी महसूस होना
- गाड़ी का माइलेज अचानक कम हो जाना
- इंजन से आवाज़ें आना
- स्पार्क प्लग या फिल्टर जल्दी खराब होना
ये सब संकेत हैं कि आपके वाहन में शुद्ध नहीं, मिलावटी फ्यूल डाला गया है।
स्मार्ट बनिए, सतर्क रहिए
आज जब फ्यूल की कीमतें आसमान छू रही हैं, ऐसे में मिलावटी पेट्रोल या डीजल सिर्फ आपके पैसे की बर्बादी नहीं बल्कि वाहन की उम्र भी घटाता है। इसलिए अगली बार जब भी पेट्रोल पंप पर जाएं, सिर्फ “₹100 का पेट्रोल” बोलने से पहले डेंसिटी मीटर की जांच जरूर करें।
आपका थोड़ी सी जागरूकता, न सिर्फ आपको धोखाधड़ी से बचाएगी बल्कि आपके वाहन की लाइफ और परफॉर्मेंस को भी बनाए रखेगी।