स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त संचार ठीक से नहीं होता या आंतरिक रक्तस्राव होता है। इसमें मस्तिष्क की कोशिकाएँ टूटने लगती हैं या मरने लगती हैं, जिससे स्थायी मस्तिष्क क्षति, क्रॉनिक पैरालिसिस और मृत्यु हो सकती है। स्ट्रोक होने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे चिकित्सा समस्याएँ, पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली। ब्लड ग्रुप भी एक जोखिम कारक है।
मैरीलैंड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कुछ विशेष रक्त समूह वाले लोगों में अन्य रक्त समूहों की तुलना में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।
अध्ययन निष्कर्ष
जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सबसे ज़्यादा होता है। दरअसल, इन लोगों में रक्त के थक्के जमने की संभावना ज़्यादा होती है, जो ब्रेन स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, इस समूह के लोगों में उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी आम हैं, जो स्ट्रोक के जोखिम को और बढ़ा देती हैं।
6 लाख लोगों पर किया गया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने 6 लाख लोगों का डेटा एकत्र किया, जिसमें अलग-अलग उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग शामिल थे। फिर उन्हें ब्लड ग्रुप के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया और उनके मेडिकल इतिहास का अध्ययन किया गया। नतीजतन, पाया गया कि ब्लड ग्रुप A वाले लोगों में स्ट्रोक के मामलों की संख्या अन्य समूहों की तुलना में अधिक है।
विशेषज्ञ की राय
अध्ययन के विशेषज्ञों का कहना है कि यह निश्चित नहीं है कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को स्ट्रोक ज़रूर होगा, लेकिन 60 की उम्र के बाद उन्हें स्ट्रोक होने की संभावना दूसरों की तुलना में ज़्यादा होती है। वहीं, ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को स्ट्रोक होने का जोखिम कम होता है।
स्ट्रोक की रोकथाम के उपाय
फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज खाएँ। हर दिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि करें। धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें। उच्च रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखें।