असम में नाग देवता जैसा मशरूम: असम के सोनितपुर जिले के चारिदुवार के अमलोगा गांव में अंधविश्वास का एक अजीब मामला सामने आया है। यहां लोग एक जंगली पौधे को ‘नाग देवता’ समझकर उसकी पूजा करने लगे।
घटना उस समय घटी जब गांव का एक व्यक्ति तिलक कोच अपने घर के पीछे झाड़ियों की सफाई कर रहा था. इसी बीच उन्हें जमीन से एक अजीब सांप जैसी आकृति निकलती दिखाई दी। तिलक को यह एक चमत्कारी खोज लगी और जल्द ही यह खबर पूरे गाँव में फैल गई।
लोग पूजा करने लगे
तिलक के घर के आसपास भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोग उन्हें नाग देवता मानकर पूजा करने लगे। कुछ लोग इसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक मानते हुए अगरबत्ती जलाते हैं, प्रार्थना करते हैं और इस आकृति से आशीर्वाद मांगते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताई सच्चाई!
हालाँकि, ये सब ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया. रंगापारा कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के सहायक व्याख्याता, शुभम रॉय और उनके छात्रों ने इस घटना की जांच की। उन्हें पता चला कि जिसे नाग देवता माना जाता था वह वास्तव में एक जंगली मशरूम था।
कवक की एक प्रजाति
रंगपारा कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग का यह मशरूम कवक प्रजातियों में से एक है जो असम की आर्द्र परिस्थितियों में उगता है। विभाग ने पिछले एक वर्ष में लगभग 40 विभिन्न मशरूम प्रजातियों की पहचान की है और उनका दस्तावेजीकरण किया है। इस विशेष मशरूम की पहचान एक दुर्लभ लेकिन प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली प्रजाति के रूप में की गई थी।