सरकार तुहाड़े द्वार: लोगों ने भगवंत मान के सामने अपनी शिकायतें रखीं, मान ने मौके पर ही उनका समाधान किया

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सरकार तुहाड़े द्वार: मुख्यमंत्री भगवंत मान का आज जालंधर में दूसरा दिन है . कल जालंधर पहुंचकर आपके द्वार के तहत लोगों की समस्याएं सुनीं।  

मुख्यमंत्री ने लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि इस अनूठी पहल का उद्देश्य लोगों को सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि अब सरकारें चंडीगढ़ से नहीं बल्कि प्रदेश भर के शहरों और कस्बों से चल रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब अधिकारी गांवों में जाकर लोगों की शिकायतें निपटा रहे हैं, जबकि पहले लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना निवास स्थान जालंधर में रखा है ताकि माझा और दोआबा क्षेत्र के लोग बिना किसी समस्या के अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि जो लोग यहां शिकायत लेकर आ रहे हैं, उनके सभी काम सुचारू रूप से हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह योजना संतोषजनक परिणाम दे रही है और जहां एक ओर लोगों की समस्याएं हल हो रही हैं, वहीं सरकार को फीडबैक भी मिल रहा है। 

इसी बीच लुधियाना की एक महिला ने मुख्यमंत्री की अनूठी पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि उनका मामला वर्षों से लंबित है क्योंकि पिछली किसी भी सरकार ने उनका काम कराने की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री ने उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनी है और उनका काम पूरा करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं. 

इस दौरान मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची सुखविंदर कौर ने कहा कि आम आदमी की मुश्किलों को दूर करने के लिए यह सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द काम पूरा करने के आवश्यक निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह पहल अभूतपूर्व है क्योंकि किसी अन्य नेता ने इसके बारे में सोचा भी नहीं था.

गांव कोट कलां की एक अन्य महिला जसवीर कौर ने कहा कि उसके पति की कुछ साल पहले मौत हो गई थी और तब से उसके ससुराल वाले उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिली हैं, जिन्होंने उनकी समस्या के शीघ्र समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह पहल प्रदेशवासियों विशेषकर आम आदमी के लिए वरदान साबित हो रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री से मिले युवा जगदीश सिंह ने बताया कि उनके पिता एक सैनिक थे जो सेवा के दौरान एक दुर्घटना के कारण विकलांग हो गये। उन्होंने कहा कि उनके पिता को जबरन रिटायर कर दिया गया, जिसके बाद वह अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक उनकी सारी बातें सुनीं और उनके मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है जिससे आम आदमी का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है.