शिवहर की जनता नरेन्द्र मोदी को फिर से बागडोर सौंपने काे आतुर: आनंद मोहन

पूर्वी चंपारण,04 मई(हि.स.)। शिवहर संसदीय क्षेत्र के लिए मेरा 27 महीनों का कार्य 27 सालो पर भारी है। शिवहर में इस बार जनता बनाम पार्टी की लड़ाई चल रही है, जो अब,आंदोलन का रूप ले ली है। शिवहर में एनडीए प्रत्याशी लवली आनंद की किसी से भी लड़ाई नहीं है। लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से देश की बागड़ोर सौंपने को आतुर है।उक्त बाते शनिवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन ने शनिवार को मोतिहारी में पत्रकारो को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लिए जितना काम किया। उतना किसी ने नहीं किया।सभी इलाको में सड़के एवं बिजली देखी जा रही है,और कुछ लोग बिहार को लालटेन युग में लेना जाना चाहते है। उन्होने कहा कि हमने तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान से मिलकर शिवहर को रेल लाईन से जोड़ने का आग्रह किया। फलस्वरूप उन्होने सर्वे का आदेश दिया। सरकार की ओर से पांच लाख रूपये आवंटित भी हुए लेकिन आजतक कार्य नहीं कराया जा सका। अगर लवली आनंद चुनाव जीत जाती है, तो सर्वप्रथम शिवहर में रेललाईन पर ट्रेन दौड़ाने का काम किया जायेगा। साथ ही बंद रीगा चीनी मिल को किसानो के हित में खुलवाया जायेगा।

उन्होने विरोधियो के आरोप पर कहा कि बाहुबली कहने वाले क्यों नहीं मेरी लिखी उस पुस्तक की चर्चा करते है। जिसमे राजवाडे या प्रेम-प्रसंग की कहानी नहीं बल्कि संघर्ष पुरूष दशरथ मांझी के उपर लिखी है। जो सीबीएससी से स्वीकृत है। जिसको पढ़कर बच्चे डिगियां ले रहे है। दबंग होना अगर लूटेरो और भ्रष्ट आफिसर पर खौफ पैदा करें तो दबंग होना भी बेहतर है।

उन्होने सवालिया लहजे पर कहा कि गया में पिछली बार कौन उम्मीदवार लाया था। आज उनका उम्मीदवार कहां का है। हर उम्मीदवार अपने गांव से बाहर बाहरी है। वीरों और नदियों की न कोई जात होती है और न कोई स्थान। वह जिधर से निकल पड़ता है, अपना रास्ता बना लेता है।

पलटवार करते हुए कहा कि गोपालगंज जो नेता थे, वह किस आधार पर मधेपुरा चनाव लड़ने गये थे। गोपालगंज की धरती पर रहने वाली किस आधार पर पाटलिपुत्र से चनाव लड़ रही है। गुजरात से निकले नरेन्द्र भाई मोदी बनारस से परचम फहरा दिया। आनंद मोहन सहरसा से निकले तो शिवहर ने अपना लिया। उन्होने कहा कि एनडीए का जो लक्ष्य है। उसे हर हाल में यहां की जनता पूरा कर दिखायेगी। विरोधी खिसियानी बिल्ली खंभा निचोड़ी की कहावत कर लोगों को बरगलाना चाह रही है, जिसे शिवहर की जनता स्वीकार नहीं करेंगी।