काठमांडू, 02 अगस्त (हि.स.)। नेपाल में चीन के राजदूत आए दिन अपने बयान और सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट को लेकर विवादों में घिरे रहते हैं। ताजा मामला पिछले महीने नेपाल में हुई बस दुर्घटना को लेकर उनके असंवेदनशील बयान का है, जिसकी वजह से उनकी कड़ी आलोचना हो रही है।
नदी में गिरी बसों को खोजने के लिए नेपाल और भारत की एनडीआरएफ की टीम ने 20 किलो का चुंबक डाला था, जो खो गया था। इस संबंध में आई खबर को ट्वीट करते हुए नेपाल में चीन के राजदूत छंग सोन ने लिखा ‘पहले चुंबक ढूंढ लो, बस बाद में ढूंढना।’ चीनी राजदूत के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए दुख की घड़ी में ऐसे असंवेदनशील ट्वीट के लिए उन्हें माफी मांगने कहा लेकिन चीनी राजदूत ने अब तक माफी नहीं मांगी, बल्कि अपने बचाव में दलील देते रहे।
अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। चीनी राजदूत की इस हरकत को सांसदों ने सदन में उठाया तो अन्तरराष्ट्रीय संबंध की संसदीय समिति ने चीनी राजदूत को चेतावनी दी है। प्रतिनिधि सभा में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों ही दल के सांसदों ने चीनी राजदूत की कड़े शब्दों में आलोचना की है। नेपाली कांग्रेस के सांसद रामहरि खतिवडा ने कहा कि 65 लोगों की मौत पर मजाक उड़ाने वाले चीनी राजदूत की जितनी आलोचना की जाए उतना कम है। उन्होंने कहा कि विदेशी राजदूतों को अपने हद में रह कर कोई अभिव्यक्ति देनी चाहिए।
इसी तरह प्रतिपक्ष में रहे राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के सांसद शिशिर खनाल ने कहा कि असंवेदनशील राजदूत को तत्काल बुलाकर उन्हें हिदायत देनी चाहिए। सांसद खनाल ने विदेश मंत्री से मांग की है कि नेपाल में हुए दर्दनाक हादसे के बाद राहत तथा बचाव कार्य में जुटी टीम के काम का मजाक बनाना और इस तरह के घटिया बयान पर उन्हें सम्मन भेज कर स्पष्टीकरण लेना चाहिए।
चीनी राजदूत के इस असंवेदनशील ट्वीट को लेकर अन्तरराष्ट्रीय संबंध संसदीय समिति के अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने कहा कि चीनी राजदूत को इस तरह से मौत पर मजाक करने का बिलकुल अधिकार नहीं है। उन्होंने समिति की बैठक में कहा कि चीनी राजदूत को अपनी बोली पर लगाम लगाना चाहिए। यदि वो खुद में सुधार नहीं लाते हैं तो सरकार को चीनी राजदूत के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए।