Parivartini Ekadashi 2025 : जब सोते हुए करवट बदलेंगे भगवान विष्णु, खुल जाएंगे इन राशियों के भाग्य

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News India Live, Digital Desk: Parivartini Ekadashi 2025 : हर साल 24 एकादशियां आती हैं और हर एक का अपना अलग महत्व है, लेकिन इन सब में एक एकादशी बेहद खास और रहस्यमयी मानी जाती है. यह है परिवर्तिनी एकादशी. इसका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि चातुर्मास के दौरान योग निद्रा में सो रहे भगवान श्रीहरि विष्णु इस दिन अपनी करवट बदलते हैं. भगवान का करवट बदलना सृष्टि में बड़े बदलाव का संकेत होता है और इस दिन की गई पूजा-पाठ और उपाय करने से सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है.

इसे जलझूलनी एकादशी या वामन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस एक एकादशी का व्रत करने से वाजपेय यज्ञ करने के समान पुण्य फल मिलता है और इंसान के जाने-अनजाने में हुए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.

कब है परिवर्तिनी एकादशी 2025? (Parivartini Ekadashi 2025 Date and Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. साल 2025 में यह व्रत 3 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा.

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर, मंगलवार, सुबह 8 बजकर 36 मिनट से
  • एकादशी तिथि समाप्त: 3 सितंबर, बुधवार, सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर
  • व्रत पारण का समय: 4 सितंबर, गुरुवार, सुबह 6 बजकर 12 मिनट से सुबह 8 बजकर 39 मिनट तक.

क्यों है यह एकादशी इतनी चमत्कारी?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग में तीनों लोक दान में मांग लिए थे. भगवान वामन के इस रूप की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. वहीं, भगवान विष्णु के करवट बदलने से भक्तों पर उनकी कृपा बरसती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं.

इस दिन जरूर करें ये 3 अचूक उपाय (Parivartini Ekadashi Ke Upay)

इस दिन किए गए कुछ सरल उपाय आपकी किस्मत चमका सकते हैं:

  1. पीपल के पेड़ का उपाय: अगर आपके हर काम में रुकावट आ रही है या कर्ज से परेशान हैं तो इस दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और शाम के समय पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा मिलती है.
  2. पीली चीजों का दान: इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को पीले फल (केला, आम), पीले वस्त्र या चने की दाल का दान करें. यह उपाय आपकी कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करता है, जिससे करियर में तरक्की और विवाह के योग बनते हैं.
  3. तुलसी जी की पूजा: शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए 11 बार परिक्रमा करें. इससे घर में सुख-शांति आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा सुनने और रात्रि जागरण करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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