Parenting Tips: अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों पर अपनी पसंद-नापसंद थोपने लगते हैं। वे चाहते हैं कि बच्चे उनके पसंदीदा कपड़े पहनें या अपना पसंदीदा विषय या करियर चुनें। माता-पिता अपने बच्चों के प्रति इतने मोहग्रस्त होते हैं कि वे इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि बच्चे को क्या पसंद है।
कुछ बच्चे प्रभावित नहीं होते लेकिन कुछ बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं। उनकी इच्छा के विरुद्ध कार्य करने से उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। वे या तो चिढ़ जाते हैं या चुप हो जाते हैं। कभी-कभी ये विद्रोही एवं हिंसक रूप भी धारण कर लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों को समझें और उनकी पसंद पर खास ध्यान दें।
माता-पिता पर यह सोचने के लिए किसी भी तरह का दबाव न डालें
कि वे अपने बच्चे के करियर के बारे में जो सोच रहे हैं वह उनके लिए सबसे अच्छा है। माता-पिता को पता होना चाहिए कि बच्चा क्या चाहता है, उसकी रुचि कहां है। माता-पिता उन पर अपनी पसंद का करियर चुनने का दबाव बनाने लगते हैं, जो वाकई गलत है। भले ही आप बच्चे को सफल होते देखना चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें जो करियर बताएंगे, उसे चुनने से वे सफल होंगे। बच्चे की रुचि किसी और चीज़ में हो सकती है। उसे अपनी रुचि के अनुसार अपना करियर चुनने दें।
मार्गदर्शन प्रदान करें
माता-पिता बच्चों के गुरु होते हैं। वे बच्चों को बचपन से ही सिखाते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। उन्हें बताएं कि गंदगी वाली सड़क पर कैसे चलना है, लेकिन बच्चे खुद ही चलते हैं। इसी तरह, करियर और जीवन के मामलों में माता-पिता को अपने बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहिए, न कि उन्हें अपनी पसंद के काम करने की हिदायत देनी चाहिए।
पसंद-नापसंद पर दें ध्यान
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता के पास अपने बच्चों के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों से उनकी पसंद-नापसंद के बारे में बात करने के लिए समय निकालें। यह समझने की कोशिश करें कि उनका बच्चा क्या बनना चाहता है? उसके सपने क्या हैं?