पूर्णिया में में उच्च न्यायलय पीठ की स्थापना हो : पप्पू यादव

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पूर्णिया, 09 अगस्त (हि.स.)। पूर्णिया लोकसभा के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्र सरकार से पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय की न्यायपीठ की स्थापना की मांग की। इसके अलावा उन्होंने पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में हो रहे कम बिजली आपूर्ति और बिजली के प्रिप्रेड मीटर की अनियमितता पर भी गंम्भीर सवाल खड़े किये और कहा कि पूर्णिया की अधिकांश जनता गरीब है, जिसके लिए प्रीपेड मीटर से उनका शोषण हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पूर्णिया के साथ कटिहार किशनगंज में स्मार्ट मीटर का आतंक है। स्मार्ट मीटर की रीडिंग और रिचार्ज नहीं होने पर जिस तरह से चार्ज किया जा रहा है, वह बेहद गलत है। यूं कहें कि इससे मिडिल क्लास और गरीब लोगों का शोषण हो रहा है। इसके रीडिंग की जांच अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पूर्णिया क्षेत्र अंतर्गत कटिहार जिला में आने वाले कोढ़ा में विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन पर बिजली ग्रेड स्थापित करने का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा बिजली की कटौती हमारे लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया और बगल के कटिहार में हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से वन नेशन – वन टैरिफ की मांग करते हैं।

इससे पहले पप्पू यादव ने प्रश्न काल के दौरान पूछा कि क्या पटना उच्च न्यायालय की कोई न्यायपीठ बिहार के भागलपुर जिले में कार्यरत है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? क्या सरकार का पटना पहुंचने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करने में मुकदमेबाजों को होने वाली असुविधा और बिहार में बड़ी संख्या में मामले लंबित होने के दृष्टिगत, कोसी-सीमांचल क्षेत्र के भागलपुर और पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय की न्यायपीठ की स्थापना करने का विचार है? यदि हां, तो उक्त प्रस्ताव की समयावधि क्या है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में भी तत्कालीन विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद को लंबी चिट्ठी लिखकर इसके लिए आग्रह किया था. लॉ कमिशन की 125वीं रिपोर्ट देख लीजिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महाराष्ट्र में दो, मध्य प्रदेश में तीन, उत्तर प्रदेश में दो, हाई कोर्ट की बेंच हैं, जबकि यहां चार होनी चाहिए। बिहार में एक पटना हाई कोर्ट है, जिसमें अभी तक लगभग 2,37,000 केसेज पेंडिंग हैं। पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया में हाई कोर्ट की बेंच का खुलना आज से लम्बित नहीं है। कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल, भागलपुर का जो इलाका है, वहां सबसे ज्यादा गरीब लोग है। वे पटना नहीं आ सकते हैं, क्योंकि वहां से पटना की बहुत दूरी है। इसके कारण उन्हें जस्टिस नहीं मिल पाता है। इसलिए हम पूर्णिया में हाई कोर्ट की एक बेंच की स्थापना होनी चाहिए।

इसके जवाब में विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि जसवंत सिंह कमीशन की रिकमेंडेशन्स, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, ने कुछ प्रक्रियाएं तय कर दी है। उस प्रक्रिया के तहत नई बेंच स्थापित करने के विषय में संबंधित राज्य सरकार और हाई कोर्ट सभी पहलुओं पर विचार करके आपसी सहमति बनाएंगे। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, राज्य के मुख्य मंत्री और फिर गवर्नर, उनकी सहमति बनेगी और ऐसा कोई प्रस्ताव आएगा। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है।