पंज सिंह साहिबान का राष्ट्र के नाम संदेश, ’13 अप्रैल को खालसा साजना दिवस के अवसर पर हर सिख अपने घरों पर खालसाई निशान लटकाए’

अमृतसर: पंज सिंह साहिबों का समागम श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में हुआ। जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह, तख्त श्री हरिमंदर जी पटना साहिब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी गुरदयाल सिंह और सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी गुरमिंदर सिंह शामिल हुए।

बैठक में चर्चा कर महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि 13 अप्रैल 2024 को खालसा साजना दिवस के 325 वर्ष पूरे होने पर हर सिख को अपने घरों पर खालसाई निशान लटकाकर खालसाई जाहो-जलाल दिखाना चाहिए। साथ ही पूरे देश को संदेश है कि आइए! अज्ञानता के आध्यात्मिक कोहरे से बाहर निकलें और सत्य और धर्म के विद्वान बनने का प्रयास करें

 

 

उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 2024 को खालसा साजना दिवस (वैसाखी) पर दुनिया भर में रहने वाले प्रत्येक सिख को पांच मिनट तक गुरुमंत्र और मूलमंत्र का जाप करके सभी बंदी सिंहों की रिहाई और खालसा पंथ की उन्नति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जून 1984 में भारत की तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा श्री दरबार साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और अन्य गुरुद्वारों पर किए गए सैन्य हमले के 40 साल पूरे होने पर 6 जून 2024 को पूरा देश अपने पड़ोसियों को श्रद्धांजलि देगा. घल्लूघारा दिवस पर गुरु घरों में शहीदी समारोह आयोजित कर गुरबाणी का पाठ और दीवान स्थापित कर नई पीढ़ी को भारत सरकार द्वारा सिखों पर किए गए अत्याचारों की कहानी बताई जानी चाहिए। 7 अप्रैल 2024 को अमृतपाल सिंह के परिवार और कुछ अन्य सिंहों को पंजाब सरकार ने गिरफ्तार कर लिया, जो एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। नगर कीर्तन सिख परंपरा का हिस्सा है। नगर कीर्तन रोककर लोगों को परेशान करना हमारी परंपरा पर हमला है। उन्होंने कहा कि पंज सिंह साहिबों द्वारा लिए गए फैसले को हर सिख को स्वीकार करना चाहिए।