पलवल : पराली जलाने वाले पांच किसानों पर एफआईआर दर्ज

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पलवल, 21 अक्टूबर (हि.स.)। पलवल में पुलिस ने कृषि विभाग के अधिकारियों की शिकायतों पर कई गांवों के पांच किसानों के खिलाफ धान की फसल का अवशेष जलाने के आरोप में केस दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया है। संबंधित थानों की पुलिस ने कृषि अधिकारियों की शिकायतों पर केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच में जुटी है।

बता दें कि धान की फसल के अवशेष जलाने पर प्रदेश सरकार द्वारा रोक लगाई हुई है। पहले जहां पर किसान के ऊपर प्रति एकड़ 2500 रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था, लेकिन अब प्रदेश सरकार मामले में और ज्यादा सख्त हो गई है। प्रदेश में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में बनी सरकार द्वारा नए आदेश जारी किए थे। जिनके अनुसार अगर कोई किसान अपने खेत में धान की फसल के अवशेष जलाता है, तो किसान के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने तथा साथ में जिस खेत में धान की फसल के अवशेष जलाए गए है, उस खेत को लेकर मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड अलर्ट देकर आगामी दो वर्ष तक फसल की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए है।

कृषि विभाग ने की पुलिस शिकायत

रविवार को देर शाम मीसा गांव के किसान धर्मवीर व देश, रसूलपुर गांव के किसान परसराम, फाटस्को नगर के किसान नानकचंद व गिर्राज के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई है। कृषि विभाग के सुपरवाइज़र ने थाना में दी शिकायत में कहा कि डीसी पलवल द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत धान कटाई उपरांत बचे हुए अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है।

इन पांच किसानों पर केस

कृषि विभाग को फाटस्को नगर के किसान नानकचंद ने 7 अक्टूबर को, मीसा गांव के किसान धर्मवीर व देशन ने 8 अक्टूबर, रसूलपुर के किसान परसराम व फाटस्कोनगर के किसान गिर्राज ने 12 अक्टूबर को अपने-अपने गांवों में फसल के अवशेष जलाने की शिकायतें मिली। जो भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 223 व 280 संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत उल्लंघन है। इसलिए उपरोक्त किसानों के खिलाफ केस दर्ज करके कानूनी कार्यवाही की जाए। शिकायत के बाद संबंधित थानों की पुलिस ने आरोपी किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।