पलवल, 5 जुलाई (हि.स.)। नीति आयोग के दिशा-निर्देशानुसार जिला उपायुक्त नेहा सिंह के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को हथीन खंड में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (एडीपी) के तहत संपूर्णता अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे नीति आयोग के सलाहकार जयंत सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। जिला उपायुक्त नेहा सिंह ने गांव मंडकोला की सरपंच सविता डागर व गांव विनोदागढ़ी के सरपंच श्याम सिंह को मंच पर अपने साथ बिठाकर पूरा मान-सम्मान दिया। इस सम्मान को पाकर सरपंच काफी उत्साहित नजर आए और उपायुक्त नेहा सिंह द्वारा उन्हें अपने बराबर में बैठाकर दिए गए सम्मान पर आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग के सलाहकार जयंत सिंह व अन्य अधिकारियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का अवलोकन किया। नीति आयोग के सलाहकार जयंत सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संपूर्णता अभियान के सभी इंडिकेटरों को पूरा करने में सहयोग देने तथा अपने ब्लॉक व जिला को प्रेरणादायक बनाने की दिशा में कार्य करने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम के दौरान 38 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड्स के तहत 20-20 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए।
कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग के सलाहकार जयंत सिंह ने बताया कि आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (एडीपी) का उद्देश्य सबसे पिछड़े ब्लॉकों के विकास में तेजी लाना और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, सामाजिक विकास और शिक्षा के सूचकांकों को शत-प्रतिशत प्राप्त करना है। उन्होने कहा कि संपूर्ण गर्भवती महिलाओं को समय पर प्रसव पूर्व देखभाल व पूरक पोषण प्राप्त हो। इसके अलावा सभी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण होने के साथ हर व्यक्ति की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की नियमित जांच होनी चाहिए। वहीं कृषि क्षेत्र में प्रगति के लिए मिट्टी की जांच कर किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए जाए। स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड्स मिले ताकि वह महिलाऐं आत्मनिर्भर बन सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश देश के अन्य राज्यों के मुकाबले अग्रणीय राज्यों में शामिल है, लेकिन नूहं और पलवल जिला का हथीन खंड आकांक्षी ब्लॉक की श्रेणी में शामिल है, जहां पर नीति आयोग के द्वारा निर्धारित पैरामीटर पर कार्य करने की आवश्यता है। हथीन खंड में 30 सितंबर तक चलाए जाने वाले संपूर्णता अभियान के तहत संबंधित विभाग अपने-अपने लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करवाएं। इस दौरान विभागों के अधिकारियों की तरफ से निश्चित समय अवधि में शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का आश्वासन दिया गया है।