विशेष एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) कोर्ट ने 2015 में अरब सागर के रास्ते भारत में हेरोइन तस्करी के मामले में गिरफ्तार आठ पाकिस्तानी नागरिकों को दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला पाकिस्तान के कराची से भारत की समुद्री सीमा में प्रवेश करने वाले जहाज “अल यासिर” से जुड़ा है, जिसे भारतीय तटरक्षक बल ने 232 किलोग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था। इस खेप की कीमत 6.93 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
घटना का विवरण
यह मामला 2015 का है, जब पाकिस्तान से “अल यासिर” नामक जहाज ने 600 समुद्री मील की दूरी तय कर भारत की समुद्री सीमा में प्रवेश किया।
- भारतीय तटरक्षक बल ने सतर्कता दिखाते हुए इस जहाज को रोका।
- जहाज पर 232 किलोग्राम हेरोइन लदी थी, जिसे 11 बड़े नीले प्लास्टिक के ड्रमों में रखा गया था।
- इन नशीले पदार्थों को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा था।
18 अगस्त 2022 को इन ड्रमों को येलो गेट पुलिस स्टेशन से मुंबई सिविल कोर्ट, काला घोड़ा ले जाया गया।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
पकड़े गए आठ पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान इस प्रकार है:
- अलीबख्शा सिंधी
- मक्सूद मासिम
- मोहम्मद नाथो
- मोहम्मद अहमद इनायत
- मोहम्मद यूसुफ गगवानी
- मोहम्मद यूनुस सिंधी
- मोहम्मद गुलहसन सिंधी
- गुलहसन सिद्दीक सिंधी
ये सभी आरोपी 2015 से मुंबई की जेल में बंद थे।
भारतीय तटरक्षक बल की सतर्कता
इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले भारतीय तटरक्षक बल के जहाज “संग्राम” के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर ने विशेष एनडीपीएस कोर्ट में घटना का ब्यौरा पेश किया।
- उन्होंने बताया:
- “कोर्ट में मौजूद आरोपी वही हैं, जिन्हें हमने पाकिस्तानी जहाज ‘अल यासिर’ पर गिरफ्तार किया था।”
- जहाज पर मौजूद सभी आरोपियों को तत्काल हिरासत में लिया गया था।
अदालत का फैसला और सजा का ऐलान
विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत दोषी पाया।
- सजा:
- सभी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
- अदालत ने इस फैसले के जरिए ड्रग तस्करी करने वालों को कड़ा संदेश दिया है।
इस मामले का महत्व
यह मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और प्रभावी कार्रवाई का प्रमाण है।
- ड्रग तस्करी पर नकेल:
- 232 किलोग्राम हेरोइन की यह खेप भारतीय बाजार में पहुंचने से पहले ही जब्त कर ली गई।
- राष्ट्रीय सुरक्षा:
- इस कार्रवाई ने भारत की समुद्री सुरक्षा और तस्करी के खिलाफ प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।