पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया और 214 पाकिस्तानी नागरिकों को बंधक बना लिया। बंधकों में सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के जवान भी शामिल हैं। बीएलए ने दावा किया है कि 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गये हैं। अब बीएलए ने पाकिस्तानी जेलों में बंद बलूच कैदियों को रिहा करने के लिए शाहबाज शरीफ सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना-पुलिस ने अभी तक इस घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
सेना का मनोबल ऊंचा है: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मंगलवार को बीएलए विद्रोहियों ने अपहरण कर लिया। सेना ने विद्रोहियों के चंगुल से बंधकों को छुड़ाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस पूरे मामले को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि कठिन इलाके के बावजूद हमारे सैनिक बहादुरी से बंधकों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान ट्रेन अपहरण: बलूच लिबरेशन आर्मी क्या चाहती है?
बीएलए की मांगें बहुत सरल और स्पष्ट हैं, जिन्हें बलूचों ने कई बार दुनिया के सामने रखा है। उनका कहना है कि वे बलूचिस्तान को एक अलग प्रांत, एक अलग देश मानते हैं। वे अलग सरकार चलाते हैं। बलूचों की पहली और सबसे बड़ी मांग यह है कि बलूचिस्तान में किसी भी पाकिस्तानी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई प्रतिनिधि नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बलूच का मानना है कि चीन के साथ सीपीईसी परियोजनाएं भी चल रही हैं। परियोजना के माध्यम से उनके खनिजों का दोहन किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के कारण बड़ी संख्या में समुदाय के सदस्य विस्थापित हो गए हैं।
बीएलए लंबे समय से पाकिस्तान पर इस तरह के हमले करता रहा है।
तब से बलूच लोग कई वर्षों से लगातार इन परियोजनाओं को यहां से हटाने की मांग कर रहे हैं। यह बीएलए द्वारा पाकिस्तान पर कोई नया हमला नहीं है, बीएलए लंबे समय से पाकिस्तान पर इस तरह के हमले करता रहा है। कभी वह चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाता है तो कभी पाकिस्तानी राजनयिकों को।