संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और उसे खाली करना ही होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवतानेनी हरीश ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
भारत की दो-टूक जवाबी कार्रवाई
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पाकिस्तान ने शांति अभियानों (Peacekeeping) पर चर्चा के दौरान फिर से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया।
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भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बार-बार झूठ बोलने से वह सच नहीं बन जाता।
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हरीश ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद को बढ़ावा देता है और सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देता है।
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भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को शांति अभियानों (Peacekeeping) की चर्चा को भटकाने के बजाय अपनी आतंकवाद समर्थक नीतियों पर ध्यान देना चाहिए।
आतंकवाद और सुरक्षा पर भारत का रुख
भारत ने चर्चा के दौरान वैश्विक सुरक्षा चिंताओं पर भी जोर दिया:
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आधुनिक हथियारों और आतंकवाद की बढ़ती चुनौतियों पर चिंता जताई।
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देशों की सुरक्षा के लिए मजबूत सेना, पुलिस बल और पर्याप्त बजट की जरूरत पर बल दिया।
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महिलाओं की शांति अभियानों में बढ़ती भागीदारी का उल्लेख किया, और कहा कि महिलाएं कठिन अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
पाकिस्तान की दोहरी नीति
भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीति की पोल खोल दी:
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पाकिस्तान खुद आतंकवाद और उग्रवाद से जूझ रहा है।
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देश में आए दिन बम धमाके और हत्याएं हो रही हैं, सेना के जवान भी आतंकियों के निशाने पर हैं।
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इसके बावजूद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद पर बात करने से कतराता है और जम्मू-कश्मीर का राग अलापता रहता है।
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भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
भारत का कड़ा संदेश
संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख साफ था—जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान को पीओके पर अवैध कब्जा छोड़ना ही होगा।