पाकिस्तान, भारत और अमेरिका की मांग है कि मुंबई और पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने एक बार फिर मांग की है कि मुंबई और पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं को सजा दी जाए। आतंकवाद-रोधी सहयोग पर भारत-अमेरिका संयुक्त कार्य समूह की 20वीं बैठक मंगलवार (5 मार्च) को हुई और बुधवार को एक संयुक्त बयान जारी किया गया।

इसमें पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन दोनों देशों ने मिलकर 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले और 2016 में पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं को सजा देने की बात कही है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से भी अधिसूचित आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है.

आतंकवाद के खिलाफ सहयोग

इसका इशारा पाकिस्तान की ओर भी है जहां इस वक्त लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी मौजूद हैं, जिनकी पहचान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कर ली है और पाकिस्तान उनके खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है. भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग गहरा करने पर सहमति बनी है.

आतंकवाद से निपटने की रणनीतियाँ

इस संबंध में दोनों देशों के बीच पहले ही समझौते हो चुके हैं, जिन्हें और मजबूत करने पर सहमति बनी है। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद के नए रूप उभर रहे हैं जो अधिक चुनौतीपूर्ण हैं। विशेष रूप से आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट या अन्य प्रौद्योगिकी के उपयोग के खतरे को रोकने के लिए रणनीतियों पर चर्चा हुई है।

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई

दूसरे देशों में पकड़े गए आतंकियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को सरल बनाने की भी बात कही गई है. यह दोहराया गया है कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। अमेरिकी, भारतीय और वैश्विक नागरिकों की समृद्धि और शांति के लिए आतंकवाद का मुकाबला करने में अधिक वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। बैठक में दोनों पक्षों की सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.