पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमलावर ने एक सुरक्षा चौकी पर विस्फोटकों से भरे वाहन में विस्फोट कर दिया। हमले में करीब 17 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।
पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमलावर ने एक सुरक्षा चौकी पर विस्फोटकों से भरे वाहन में विस्फोट कर दिया। हमले में करीब 17 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में हुआ. पाकिस्तानी तालिबान से अलग हुए समूह हाफिज गुल बहादुर गुट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि सरकार ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वे हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवंबर 2022 के बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जब तालिबान ने पाकिस्तानी सरकार के साथ युद्धविराम समझौता खत्म कर दिया था। पाकिस्तानी तालिबान, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से जाना जाता है, अफगान तालिबान से एक अलग समूह है, लेकिन अफगान तालिबान के साथ इसके मजबूत संबंध हैं। टीटीपी का नेतृत्व और लड़ाके कथित तौर पर अफगानिस्तान में स्थित हैं, जहां उन्होंने 2021 में तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद से अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पाकिस्तानी सेना ने चलाया आतंकरोधी अभियान
दरअसल, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा बल पिछले काफी समय से आतंकियों के खिलाफ आतंकरोधी अभियान चला रहे हैं. 19 नवंबर को पाकिस्तान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक और मुठभेड़ हुई, जिसमें सैनिकों ने लश्कर-ए-इस्लाम के दो शीर्ष कमांडरों को मार गिराया। हालांकि, इस मुठभेड़ में आठ पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए. यह ऑपरेशन पाकिस्तानी सेना और पुलिस द्वारा आतंकवाद को खत्म करने के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा था, जिन्होंने अब तक इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं। लेकिन इस संघर्ष में सुरक्षाकर्मियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.