श्रीनगर, 15 नवंबर (हि.स.)। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण और शिक्षा मंत्री सकीना मसूद ने शुक्रवार को यहां सिविल सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और कार्यप्रणाली की व्यापक समीक्षा की।
बैठक में उच्च शिक्षा आयुक्त सचिव डॉ. रश्मि सिंह, कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निलोफर खान, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय, आईयूएसटी के कुलपति प्रो. शकील अहमद रामशू, एसएमवीडीयू के कुलपति डॉ. प्रगति कुमार, बीजीएसबीयू के कुलपति प्रो. जावेद इकबाल, क्लस्टर विश्वविद्यालय श्रीनगर के कुलपति प्रो. मोहम्मद मोबिन, क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के कुलपति प्रो. के.एस. चंद्रशेखर शामिल हुए। बैठक में विशेष सचिव उच्च शिक्षा, निदेशक वित्त उच्च शिक्षा, निदेशक योजना उच्च शिक्षा, निदेशक कॉलेज जम्मू-कश्मीर और विभाग के अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के दौरान मंत्री ने विश्वविद्यालयों के कई महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे बुनियादी ढांचे, संकाय प्रदर्शन, छात्र संतुष्टि, शोध आउटपुट के साथ-साथ समग्र प्रशासनिक ढांचे का व्यापक मूल्यांकन किया। अपनी टिप्पणी में सकीना मसूद ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा के वैश्विक मानकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सभी को अपने विश्वविद्यालयों को विश्व स्तरीय बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कुलपतियों से अकादमिक कठोरता को प्राथमिकता देने और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन में सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और उद्योग की जरूरतों के बीच घनिष्ठ तालमेल का आह्वान किया खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल तकनीक, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और उद्यमिता जैसे उभरते क्षेत्रों में ताकि छात्रों को उभरते रोजगार बाजार के लिए तैयार किया जा सके।
बैठक के दौरान मंत्री ने विश्वविद्यालयवार समीक्षा करते हुए कुलपतियों से प्रवेश की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का आह्वान किया ताकि अधिकतम छात्र विश्वविद्यालयों की ओर आकर्षित हों। उन्होंने छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कहा खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में रेडियो जैसे पारंपरिक मीडिया का उपयोग करके ताकि वे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वांछित पाठ्यक्रम ले सकें। उन्होंने उनसे उन मुद्दों और चिंताओं को ठीक करने के लिए भी कहा जो हमारे विश्वविद्यालयों खासकर कश्मीर विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के प्रवेश में बाधा डाल रहे हैं।
मंत्री ने कुलपतियों से अपने-अपने विश्वविद्यालयों में चल रही सभी परियोजनाओं पर काम समय पर पूरा करने के लिए भी कहा ताकि उन्हें छात्रों के उपयोग के लिए समर्पित किया जा सके। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति से नवनिर्मित गर्ल्स हॉस्टल को जल्द से जल्द चालू करने के लिए कहा। उन्होंने कुलपति से विश्वविद्यालय के ऑफसाइट परिसरों को बनाए रखने के लिए भी कहा ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। बैठक के दौरान मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में उच्च शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए कुलपतियों की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।