दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सत्ता से विदाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने केजरीवाल के सरकारी आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड के रेनोवेशन पर हुए खर्च की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला?
सीवीसी ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) से उन आरोपों की गहराई से जांच करने को कहा है, जिनमें यह दावा किया गया है कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में बने इस आलीशान बंगले (शीश महल) का निर्माण भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया था।
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद CPWD ने फैक्चुअल रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के आधार पर CVC ने 13 फरवरी को जांच के आदेश जारी किए।
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क्या हैं विजेंद्र गुप्ता के आरोप?
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 14 अक्टूबर 2024 को CVC में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि:
केजरीवाल ने अपने बंगले के लिए 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) सरकारी जमीन का इस्तेमाल किया।
राजपुर रोड स्थित प्लॉट नंबर 45 और 47 (जहां पहले टाइप-V फ्लैटों में वरिष्ठ अधिकारी और जज रहते थे) को तोड़कर नए बंगले में मिला दिया गया।
इसके अलावा, 8-ए और 8-बी फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित दो अन्य सरकारी बंगलों को भी ध्वस्त कर बंगले का हिस्सा बना दिया गया।
यह निर्माण ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) नियमों का उल्लंघन करता है।
परियोजना के लिए कोई उचित लेआउट प्लान नहीं था।
जांच का सिलसिला कैसे आगे बढ़ा?
16 अक्टूबर 2024 – CVC ने विजेंद्र गुप्ता की शिकायत दर्ज की और इसकी जांच के आदेश दिए।
नवंबर 2024 – CVC ने CPWD को आगे की जांच के लिए निर्देशित किया।
5 नवंबर 2024 – CVC ने गुप्ता की शिकायत का संज्ञान लिया और आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया।
5 दिसंबर 2024 – CPWD के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) ने CVC को एक फैक्चुअल रिपोर्ट सौंपी।
13 फरवरी 2025 – CVC ने CPWD को इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए।
“करदाताओं के करोड़ों रुपये फिजूल खर्च किए गए” – विजेंद्र गुप्ता
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 21 अक्टूबर को CVC को दी गई शिकायत में कहा कि:
“केजरीवाल ने अपने आलीशान सरकारी आवास के रेनोवेशन और इंटीरियर डेकोरेशन पर जनता के करोड़ों रुपये फिजूल खर्च किए।”
“भारी वित्तीय अनियमितताएं की गईं और विलासिता की वस्तुओं पर खर्च उचित सीमा से बहुत अधिक है।”
“यह भ्रष्टाचार का बड़ा मामला हो सकता है, जिसकी गंभीर जांच होनी चाहिए।”