OPS: पुरानी पेंशन की मांग पर अच्छी खबर!

अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए NPS में निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, केंद्रीय कर्मचारी और अलग-अलग राज्य सरकारों के कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और झारखंड में OPS को बहाल भी कर दिया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बहाल करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद लाखों कर्मचारी अपनी मांग पर अ

अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए NPS में निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, केंद्रीय कर्मचारी और अलग-अलग राज्य सरकारों के कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और झारखंड में OPS को बहाल भी कर दिया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बहाल करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद लाखों कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

 

सरकार कर्मचारियों को 50% पेंशन का आश्वासन देगी!

कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद एनपीएस के तहत कोई तय लाभ नहीं मिलता है, जबकि ओपीएस में कर्मचारी को एक तय पेंशन मिलती है। ऐसे में सरकार एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ओपीएस के समान ही लाभ मिलेगा। सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने की कोशिश कर रही है।

मौजूदा योजना में कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है।

सरकार की ओर से यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि कर्मचारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें पर्याप्त पेंशन मिलेगी या नहीं। हालांकि, मौजूदा स्कीम में 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी ने 25-30 साल तक बिना किसी निकासी के पैसे जमा करवाए हों। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है।

 

ओपीएस में वापस न लौटने का निर्णय:

टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में छपी एक खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर वापस न लौटने का फैसला किया है। लेकिन सरकार ने एक निश्चित स्तर की मदद के लिए खिड़की उस समय खुली रखी, जब कांग्रेस मनमोहन सिंह सरकार के फैसले को पलटने का ऐलान कर रही थी। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलने वाले आखिरी वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाता है। वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर इस पेंशन में समय-समय पर बढ़ोतरी भी होती रहती है। लेकिन नई पेंशन योजना (NPS) में सरकारी कर्मचारी मूल वेतन का 10% जमा करते हैं और सरकार इसमें 14% का योगदान देती है।

सरकार अब 50% गारंटी देने पर विचार कर रही है।

रिटायरमेंट के बाद जमा की गई राशि के आधार पर कर्मचारियों को पेंशन मिलती है। सोमनाथन समिति ने दुनियाभर के देशों की पेंशन योजनाओं और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए बदलावों का अध्ययन किया है। साथ ही यह समिति इस बात का भी अध्ययन कर रही है कि अगर सरकार पेंशन पर एक निश्चित राशि की गारंटी देती है तो इसका क्या असर होगा। अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र सरकार 40-45% पेंशन की गारंटी दे सकती है। लेकिन इससे 25-30 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों की चिंता कम नहीं होगी। इसीलिए सरकार अब 50% गारंटी देने पर विचार कर रही है।

नई व्यवस्था में सरकार बनाएगी कोष!

इसका सीधा मतलब यह है कि अगर पेंशन के लिए पैसे की कमी होती है तो सरकार इसकी भरपाई करेगी और हर साल इसका अनुमान लगाना भी जरूरी होगा। कुछ समिति सदस्यों का कहना है कि सरकारी पेंशन योजना में केंद्र सरकार के पास रिटायरमेंट फंड नहीं होता है। नई व्यवस्था में सरकार शायद एक फंड बनाएगी। इस फंड में हर साल पैसे जमा किए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे कंपनियां अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों के लिए फंड बनाती हैं।

 

कर्मचारियों को ओपीएस जैसे लाभ मिल रहे हैं ।

TOI के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि सरकारी नौकरी में 25-30 साल काम करने वालों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत मिलने वाली पेंशन के बराबर अच्छा रिटर्न मिल रहा है। दरअसल, अभी तक कम पेंशन मिलने की शिकायतें उन्हीं लोगों की ओर से आ रही हैं, जिन्होंने 20 साल या उससे कम नौकरी करने के बाद इस स्कीम को छोड़ दिया है।

ड़े हुए हैं।

 

सरकार कर्मचारियों को 50% पेंशन का आश्वासन देगी!

कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद एनपीएस के तहत कोई तय लाभ नहीं मिलता है, जबकि ओपीएस में कर्मचारी को एक तय पेंशन मिलती है। ऐसे में सरकार एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ओपीएस के समान ही लाभ मिलेगा। सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने की कोशिश कर रही है।

मौजूदा योजना में कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है।

सरकार की ओर से यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि कर्मचारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें पर्याप्त पेंशन मिलेगी या नहीं। हालांकि, मौजूदा स्कीम में 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी ने 25-30 साल तक बिना किसी निकासी के पैसे जमा करवाए हों। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है।

 

ओपीएस में वापस न लौटने का निर्णय:

टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में छपी एक खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर वापस न लौटने का फैसला किया है। लेकिन सरकार ने एक निश्चित स्तर की मदद के लिए खिड़की उस समय खुली रखी, जब कांग्रेस मनमोहन सिंह सरकार के फैसले को पलटने का ऐलान कर रही थी। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलने वाले आखिरी वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाता है। वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर इस पेंशन में समय-समय पर बढ़ोतरी भी होती रहती है। लेकिन नई पेंशन योजना (NPS) में सरकारी कर्मचारी मूल वेतन का 10% जमा करते हैं और सरकार इसमें 14% का योगदान देती है।

सरकार अब 50% गारंटी देने पर विचार कर रही है।

रिटायरमेंट के बाद जमा की गई राशि के आधार पर कर्मचारियों को पेंशन मिलती है। सोमनाथन समिति ने दुनियाभर के देशों की पेंशन योजनाओं और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए बदलावों का अध्ययन किया है। साथ ही यह समिति इस बात का भी अध्ययन कर रही है कि अगर सरकार पेंशन पर एक निश्चित राशि की गारंटी देती है तो इसका क्या असर होगा। अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र सरकार 40-45% पेंशन की गारंटी दे सकती है। लेकिन इससे 25-30 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों की चिंता कम नहीं होगी। इसीलिए सरकार अब 50% गारंटी देने पर विचार कर रही है।

नई व्यवस्था में सरकार बनाएगी कोष!

इसका सीधा मतलब यह है कि अगर पेंशन के लिए पैसे की कमी होती है तो सरकार इसकी भरपाई करेगी और हर साल इसका अनुमान लगाना भी जरूरी होगा। कुछ समिति सदस्यों का कहना है कि सरकारी पेंशन योजना में केंद्र सरकार के पास रिटायरमेंट फंड नहीं होता है। नई व्यवस्था में सरकार शायद एक फंड बनाएगी। इस फंड में हर साल पैसे जमा किए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे कंपनियां अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों के लिए फंड बनाती हैं।

 

कर्मचारियों को ओपीएस जैसे लाभ मिल रहे हैं ।

TOI के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि सरकारी नौकरी में 25-30 साल काम करने वालों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत मिलने वाली पेंशन के बराबर अच्छा रिटर्न मिल रहा है। दरअसल, अभी तक कम पेंशन मिलने की शिकायतें उन्हीं लोगों की ओर से आ रही हैं, जिन्होंने 20 साल या उससे कम नौकरी करने के बाद इस स्कीम को छोड़ दिया है।