सेना के शौर्य का अपमान करना विपक्ष की आदत: अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा पुंछ में हुए आतंकी हमले को स्टंटबाजी करार दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

उन्होंने चन्नी के बयान को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस आज तक कभी भी सेना के साथ खड़ी नहीं हुई। ये वही लोग हैं जो हमेशा सेना की काबिलियत पर प्रश्नचिह्न खड़े करते हैं और हमारे जवानों के पराक्रम के सबूत मांगते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक एयर डोकलाम के समय भी इन्होंने यही किया था। भारतीय सेना के शौर्य का अपमान करना इनकी आदत बन चुका है।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस के नेता तो सेना के हथियारों और साजोसामान में भी दलाली खाते हैं। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला इत्यादि इसके कुछ उदाहरण मात्र हैं। आज कांग्रेस कह रही है कि देश से परमाणु हथियारों को समाप्त कर देना चाहिए। आखिर यह इनकी कौन सी सोच है? आखिर कांग्रेस कितनी बार विदेशी ताकतों के साथ हाथ मिलाएगी? कांग्रेस बताए कि उसकी क्या मजबूरी है कि चुनाव के समय इतना नीचे गिरना जरूरी है?

फारूख अब्दुल्ला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी और फारूख अब्दुल्ला जितना मर्जी पाकिस्तान का गुणगान कर लें लेकिन यह शत प्रतिशत सच है कि आज का भारत आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारता है और एयर स्ट्राइक करता है। ये वही लोग हैं, जो कहते थे कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 कोई नहीं हटा सकता, खून की नदियां बह जाएंगी। मोदी ने अनुच्छेद 370 भी हटाया और आज कश्मीर में अमन, चैन और शांति के साथ-साथ विकास हो रहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जो पहले कभी कश्मीर नहीं जाते थे, आज वहां छुट्टियां मनाते हैं और एक दूसरे पर बर्फ के गोले फेंकते हैं। आज कश्मीर में आतंकी घटनाओं से होने वाली नागरिक और सैन्य मृत्यु दर में क्रमश 81 प्रतिशत और 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। आज कश्मीर से पत्थरबाजी गायब है, अलगाववाद और आतंकवाद में भारी कमी आई है। आज जम्मू कश्मीर में 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक जा रहे हैं। आज कश्मीर से चंद परिवारों की लूट खत्म हुई है, इसलिए उन्हें बुरा लग रहा है। यह एक तरफ कश्मीर में लोकतंत्र को कुचलते थे और दूसरी तरफ से कश्मीरियों को लूटते थे।