जयपुर, 4 जुलाई (हि.स.)। बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्ष ने विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। आदिवासियों के डीएनए जांच वाले बयान पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से माफी मंगवाने और इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि दिलावर ने बयान पर माफी नहीं मांगी है, मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफा भी नहीं लिया। हमारी दो ही प्रमुख मांग हैं। इन दोनों मुद्दों को लेकर विपक्ष ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।
अपने बयान को लेकर शिक्षा मंत्री दिलावर ने सदन में कहा कि आदिवासियों ने हमारी संस्कृति को बचाया है। आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना मेरे मन में कभी नहीं रहा। मैं यह जानता हूं कि अनादि काल से इस देश में आदिवासी रहता आया है और आदिवासी समाज का सब सम्मान करते हैं। मैंने बिरसा मुंडाजी का नाम भी सुना और पढ़ा है। बिरसा मुंडा भगवान के नाम से जाने जाते हैं, ऐसे समाज के बारे में मेरे बारे में जो कहा जा रहा है वह कदापि सही नहीं है। मेरे से पत्रकार ने पूछा था कि सासंद राजकुमार रोत ने ऐसा कहा है कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं, तो मेरा मंतव्य यह था कि आदिवासी हिंदू हैं, हिंदू रहेंगे। आदिवासी समाज अनादिकाल से पृथ्वी पर रहता आया है, हम सब आदिवासी ही हैं।
दिलावर ने कहा कि हम सब आदिवासी हैं, क्योंकि हम आदिकाल से यहां रहते आए हैं। मैं आदिवासी महापुरुषों को प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं और मैं श्रद्धा से उनका नाम लेता रहता हूं। जब उन्होंने दोबारा पूछा कि वो तो अपने आप को हिंदू नहीं मानते हैं तो मैंने जो कहा वह प्रासंगिक है कि नहीं कि वंशावली दिखवा लेंगे। मेरे से वह शब्द नहीं निकलना चाहिए था। विधानसभा में मंत्री मदन दिलावर दो बार सवालों का जवाब देने खड़े हुए तो दोनों ही बार विपक्ष ने उनका जवाब नहीं सुना और नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर दिलावर ने हंगामे के बीच कहा कि कांग्रेस के लोग आदिवासियों के दुश्मन हैं, ये हिंदुओं के दुश्मन है। ये हिंदुओं को हिंसक मानते हैं। ये आदिवासियों को हिंदू नहीं मानते हैं, हिंदुओं के दुश्मन हैं। विधानसभा में कांग्रेस के बहिष्कार के बाद सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने जुबानी हमला बोला। मंत्री गहलोत ने राहुल गांधी को मंदबुद्धि बालक कह दिया। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी एक तरफ तो कहते हैं डरो मत और दूसरी तरफ ये कांग्रेसी सदन से डरकर भाग रहे हैं। आप सदन में चर्चा में भाग लीजिए। आपके मंदबुद्धि बालक राहुल गांधी ने हिंदू समाज को बदनाम किया है। हिंदू समाज को हिंसक कहकर अपमान किया है। उन्हें हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए। उनमें हिम्मत है तो सदन में बहस कीजिए कि हिंदू हिंसक है। राहुल गांधी को जमीनी धरातल की जानकारी नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश का शिक्षा मंत्री आदिवासी समुदाय के लिए यह कहे कि आपका बाप कौन है, आपका डीएनए टेस्ट करवाएंगे। इससे राजस्थान प्रदेश की गरिमा को चोट पहुंची है और ऐसा व्यक्ति विधानसभा के अंदर जवाब दे रहा है, विधानसभा के अंदर आ रहा है। मुख्यमंत्री को ऐसे व्यक्ति को तत्काल मंत्री पद से हटाना चाहिए था। दिलावर ने इस बयान के लिए ढंग से आदिवासी समाज से माफी तक नहीं मांगी है। यह साधारण मामला नहीं है। विधानसभा में लंच ब्रेक से पहले कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे की गूंज रही।
शून्यकाल के दौरान पर्ची से मुद्दे उठाने की व्यवस्था शुरू की गई है। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को याद दिलाना चाहता हूं कि पर्ची की व्यवस्था आपके वक्त में बंद हुई थी, हमने वापस चालू की है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि आपने जो पर्ची व्यवस्था चालू की है, उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, लेकिन किरोड़ीलाल वाली भी बता दो, इनकी पर्ची स्वीकार हुई कि नहीं हुई? इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि सही समय पर सूचना आ जाएगी। डोटासरा ने कहा कि यह सदन ही नहीं पूरा प्रदेश जानना चाहता है कि किरोड़ी की पर्ची का क्या हुआ?
विधानसभा में लंच ब्रेक से पहले मंत्री मदन दिलावर के बयान को लेकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने मामला उठाना चाहा, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी। कई विधायकों ने दिलावर के बयान के खिलाफ पोस्टर लहराए, जिस पर स्पीकर ने इसकी अनुमति नहीं होने का हवाला देकर उन्हें फटकार लगाई। पूरा शून्यकाल आज हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी और हंगामे के बीच ही शून्यकाल की कार्यवाही चलती रही। हंगामे के बीच कुछ कांग्रेस विधायक वेल से आगे टेबलों की तरफ जाने लगे तो स्पीकर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद करीब एक बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई। कोटा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए मुकदमे का मुद्दा शून्यकाल में सदन में गूंजा। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि कोटा में जनसस्याओं को लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया, हमारे संविधान के दिए हुए लोकतांत्रिक अधिकारों पर सरकार और प्रशासन ने आघात पहुंचाया। हममें से कोई भी पुलिस से नहीं उलझा, इसके बावजूद हमारे नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सहित कांग्रेस नेताओं के ऊपर मुकदमे किए गए। हम पर झूठी एफआईआर की गई। लोकतंत्र में हमें जनसमस्याओं पर प्रदर्शन का अधिकार दिया है कि हम जन समस्याओं के लिए लड़ें, हम धरने प्रदर्शन करें। अगर राजनीतिक दबाव में मुकदमे दर्ज किए जाते हैं तो हमारे अधिकारों का खुला उल्लंघन है, हनन है। यह साधारण मामला नहीं है, हरिमोहन शर्मा के बात पूरी होने से पहले ही उनका माइक बंद कर दिया गया।
प्रश्नकाल के दौरान बौंली में कृषि मंडी खोलने से जुड़े सवाल और आवंटन पर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री के जवाब पर पूरक सवाल किया तो कई मंत्री और बीजेपी विधायक बीच में टोका-टाकी करने लगे। इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। जूली ने कहा कि आपकी मंजूरी से बोल रहा हूं, इसके बावजूद मंत्री टोका-टाकी कर रहे हैं। प्रश्ननकाल में मंत्रियों के भाषण करवा रहे हैं। जब कोई बोलने देगा, तब बोलेंगे। ये मंत्री आसन का अपमान कर रहे हैं। मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हर सवाल का जवाब देंगे, यह जरूरी नहीं है। हर सवाल पर खड़े होने की जिम्मेदारी इनकी नहीं हैं। इस पर तीखी नोकझोंक हुई। इस मामले में काफी देर हंगामा चलता रहा। विपक्ष की नारेबाजी के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल, जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी सहित कई मंत्रियों और बीजेपी विधायकों ने भी जवाबी नारेबाजी की। नाराज कांग्रेस सहित विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर काफी देर तक नारेबाजी की। बाद में अगला सवाल आने के बाद हंगामा शांत हुआ।