खुले रोमछिद्र तेल और गंदगी से बंद हो जाते हैं। इससे मुंह धोने पर भी अच्छे से सफाई नहीं होती है। इसके बढ़ने से त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। आइए जानते हैं ये क्या हैं और किन लोगों को ये समस्या ज्यादा होती है।
गाजियाबाद की त्वचा विशेषज्ञ डॉ. सौम्या सचदेवा का कहना है कि खुले रोमछिद्रों का सबसे बड़ा कारण तैलीय त्वचा है। तैलीय त्वचा के कारण चेहरे पर अतिरिक्त सीबम उत्पन्न होता है, जिससे रोमछिद्र खुल जाते हैं। कुछ मामलों में यह आनुवंशिक कारणों से और चेहरा न धोने के कारण भी हो सकता है।
हमारी त्वचा में तेल ग्रंथियाँ होती हैं। हैं इनके छिद्रों को छिद्र कहते हैं। ये ग्रंथियाँ त्वचा के अंदर छोटी होती हैं। इस छोटे से छेद से तेल और पसीना त्वचा तक पहुंचता है। खुले रोमछिद्र होना बहुत आम बात है। अधिकतर यह नाक या टी-ज़ोन पर दिखाई देता है। कभी-कभी ये खुले छिद्र समय के साथ अधिक दिखाई देने लगते हैं। खासतौर पर जब आपकी उम्र बढ़ती है। समय के साथ त्वचा में बनने वाला कोलेजन कम होने लगता है। इससे त्वचा में तनाव कम हो जाता है। ऐसे में रोमछिद्रों को खुला रखने वाला इलास्टिन ढीला होने लगता है और इससे रोमछिद्र खुलने लगते हैं।
खुले रोमछिद्रों का एक अन्य कारण लंबे समय तक धूप में रहना भी हो सकता है। इससे कोलेजन भी टूटता है और सपोर्ट भी कम हो जाता है. 20 से 30 साल की उम्र के लोग इससे ज्यादा परेशान हैं। दरअसल, इस उम्र में इसका सबसे आम कारण त्वचा को एक्सफोलिएट न करना है। इसका मतलब है कि मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने के लिए स्क्रब न करें। अगर त्वचा के रोमछिद्रों को साफ न किया जाए तो उनके अंदर मृत त्वचा, तेल, प्रदूषण और धूल जमा हो जाती है, जिससे वे अधिक दिखाई देने लगते हैं।
खुले रोम छिद्रों के अंदर प्रदूषण, धूल और गंदगी जमा हो जाती है। अगर इसे साफ न किया जाए तो इससे मुंहासे हो सकते हैं। इससे बचने के लिए उचित देखभाल दिनचर्या अपनाना जरूरी है।
दिनभर की धूल-मिट्टी को साफ करने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना घर पर ही अपना चेहरा धोएं और किसी क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें। धूप में बाहर जाते समय सनस्क्रीन लगाएं।