सजगता से ही खत्म होगा समजरूपी कोढ बाल विवाह:ज्योति

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नवादा,28 नवंबर (हि.स.) बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर नवादा जिले के नरहट के बीआरसी सभागार में गुरुवार को सीडीपीओ ज्योति सिन्हा की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार (समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार) के तत्वाधान में जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना अन्तर्गत बाल विवाह मुक्त अभियान को लेकर शपथ ग्रहण के साथ अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सीडीपीओ ज्योति सिन्हा ने बताया कि बाल विवाह को समाज से खत्म करना बहुत जरूरी है। बाल विवाह समाज का कोढ है।बाल विवाह अपराध है। बाल विवाह के कारण बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है, समय से पहले प्रेंगेंसी झेलनी पड़ती है, जिससे माता और शिशु की जान तक चली जाती है। बाल विवाह करने, उसमें भाग लेने या बाल विवाह कराने वाले किसी भी व्यक्ति को 02 साल तक की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसमें माता-पिता, रिश्तेदार, पड़ोसी, पुजारी, बैंड वाला, घोड़ी/रथ वाला, मिठाई वाला, हलवाई, टेंट वाला आदि शामिल है। आइए हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करें। अब इस कुरीति का समाज में कोई स्थान नहीं है। अब वक्त है कि देश से इस कुप्रथा का खात्मा किया जाए।

महिला पर्यवेक्षिका माधवी कुमारी ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) एलायंस बाल विवाह के इस बुराई को खत्म करने में जुटा हुआ है, जो 250 से अधिक सामाजिक संगठनों का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है। यह एलाएंस बच्चों की सुरक्षा और उनके खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए काम करता है। जेआरसी जागरूकता कार्यक्रमों, रिसर्च और ट्रेनिग के जरिए पूरे भारत में बाल संरक्षण के सरकारी प्रयासों का समर्थन करता है। यह वक्त खड़ा होने और बच्चों की सुरक्षा, उन्हें खुश रखने और उनके जीवन को सशक्त बनाने का अधिकार सुनिश्चित करने का है। हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।

उन्होने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 देश भर में लागू है, जिसके तहत् 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी करना/करवाना कानूनन अपराध है और इसका उल्लंघन करने पर दो साल की जेल या एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है। इस अवसर पर महिला पर्यवेक्षिका माधवी कुमारी, पूनम राय सहित 100 से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं ने बाल विवाह के खात्मे का संकल्प लिया ।