Onion Price: सब्जियों की बढ़ती कीमत की मार आम लोगों पर पड़ी है. खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के अनुमान से कम रही। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21 फीसदी रही, जो 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
जुलाई महीने से प्याज की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। खरीफ की फसल बाजार में आने के बाद प्याज की कीमतें कम हो सकती हैं। दरअसल, इस साल रबी फसल में प्याज का उत्पादन कम होने और मॉनसून में प्याज की फसल खराब होने के कारण इसकी कीमत में बढ़ोतरी हुई है.
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, देशभर में प्याज की मौजूदा खुदरा कीमत 54 रुपये प्रति किलो है. पिछले एक महीने में इस कीमत में काफी गिरावट आई है. दरअसल, सरकार ने अक्टूबर में रियायती दर पर प्याज बेचने का फैसला किया था. सरकार ने बफर स्टॉक में रखे प्याज को 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बेचना शुरू किया था. प्याज की बढ़ती कीमत को काबू में रखने के लिए यह फैसला लिया गया है.
सरकार के पास 4.5 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, इसमें से 1.5 लाख टन प्याज बेचा जा चुका है. सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित कर रही है.