किसी का भी अहित सोचने वाला कभी भगत नहीं हो सकता-प्रेमभूषण 

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जौनपुर, 15 नवंबर (हि. स.)। भगत कभी किसी का अपकार नहीं करता है। कभी भी किसी का अहित करने के बारे में भी भगत नहीं सोचता है। अगर कोई किसी भी प्रकार से किसी का अहित सोचता है तो वह भगत नहीं हो सकता है। उक्त बातें जौनपुर के बीआरपी इंटर कॉलेज मैदान में श्री राम कथा में प्रेमभूषण महाराज ने कही।

पूज्यश्री ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में भगवान और भागवतों के साथ नहीं उलझना चाहिए। भगवान तो अपने प्रति किये गए किसी के दोष को क्षमा भी कर देते हैं। लेकिन, अगर उनके भक्तों के साथ किसी तरह का अन्याय होता है तो उसे भगवान कभी भी क्षमा नहीं करते हैं। यह हमारे विभिन्न सदग्रंथों में भी उदाहरण के साथ वर्णित है। मनुष्य को यह प्रयास करना चाहिए कि उससे कभी भी किसी साधु – संत और भगत का अपकार नहीं हो। अगर ऐसा होता है तो परिणाम भी झेलने के लिए तैयार रहना होगा।

पूज्य महराज श्री ने कहा कि मनुष्य मात्र की दिमागी कसरत है, जाति-पाती के भेद। भगवान ने कभी भी, कहीं भी जात-पात के भेदभाव को बढ़ावा देने की बात नहीं करी है। श्रीरामचरितमानस में इस बात का बार-बार प्रमाण आया है। भगवान ने केवट जी, शबरी जी और निषाद जी को जो सौभाग्य प्रदान किया वह अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भगवान कभी भी भगत में जात-पात का भेद नहीं देखना चाहते हैं।

प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि धरती के किसी भी मनुष्य के लिए भगवान का गुणगान करने के लिए जाति और कुल का कोई महत्व नहीं होता है। हमारे सनातन सद्ग्रन्थों में यह बार-बार बताया गया है कि जो कोई भी चाहे प्रभु को जप ले और अपना जीवन धन्य कर ले। कोई भी गा ले, फल अवश्य मिलेगा।

हमारी संस्कृति धर्म पर आधारित है जैसे तैसे नहीं चलती है। धर्म और परंपराओं का सब विधि से पालन होना चाहिए और तभी समाज का कल्याण संभव है। प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि जानबूझ कर किया गया अपकर्म या पाप मनुष्य का पीछा नहीं छोड़ता है और उसका फल हर हाल में भोगना ही पड़ता है। अगर ऐसा नहीं होता तो लोग रोज-रोज पाप करते और गंगा जी में नहा कर पाप धो लेते। फिर तो धरती पर कोई पापी बचता ही नहीं। सनातन सदग्रंथों में हर बात की व्याख्या की गई है, हमें इन पर विश्वास रखते हुए जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।

संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष एवं सांसद बृजभूषण शरण सिंह ,राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव पूर्व सांसद धनंजय सिंह ,सहित व्यास पीठ का पूजन किया और भगवान की आरती उतारी।