नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में तीसरा टेस्ट मैच शुरू हो चुका है। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया है। इस फैसले के पीछे मौसम और पिच की परिस्थितियों को ध्यान में रखा गया है। रोहित ने बताया कि आसमान में बादल छाए हुए हैं और पिच पर घास मौजूद है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की संभावना है। हालांकि, यह फैसला टीम इंडिया के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है और भारत को मुश्किल में डाल सकता है।
गाबा: ऑस्ट्रेलिया का अभेद्य किला
ब्रिस्बेन का गाबा मैदान ऑस्ट्रेलिया के लिए एक मजबूत गढ़ माना जाता है। इस मैदान पर खेलना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होता। हालांकि, पिछली बार भारत ने 2020-21 के दौरे पर इसी मैदान पर जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। इस बार भी टीम इंडिया की कोशिश उसी सफलता को दोहराने की होगी। लेकिन रोहित का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
इतिहास क्या कहता है?
गाबा की पिच पर उछाल और तेज गति होती है, जो बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। यही वजह है कि अधिकांश कप्तान इस मैदान पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। 2000 के बाद से अब तक गाबा में आठ बार कप्तानों ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी है, लेकिन उनमें से केवल दो बार ही टीमों को जीत मिली है। इन आंकड़ों को देखकर यह स्पष्ट है कि रोहित का यह फैसला जोखिम भरा है और भारतीय टीम के लिए दबाव बढ़ा सकता है।
अगर टीम इंडिया यह मैच हार जाती है, तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने का सपना टूट सकता है। यह मैच भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और एक गलत फैसला टीम को महंगा पड़ सकता है।
मौसम की भूमिका
रोहित शर्मा ने मौसम को ध्यान में रखते हुए गेंदबाजी का निर्णय लिया है। ब्रिस्बेन में चार दिनों तक बारिश की संभावना जताई गई है। पहले दिन के पहले सेशन में महज पांच ओवर का खेल ही हो पाया था, जिसके बाद बारिश के कारण मैच रोकना पड़ा। इस परिस्थिति में रोहित को लगा कि तेज गेंदबाज पिच का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन बारिश के रुकने के बाद गाबा की पिच बल्लेबाजों के लिए आसान हो सकती है।
आंकड़ों पर एक नज़र
साल 2000 से अब तक गाबा मैदान पर खेले गए मैचों में टॉस जीतकर 16 बार पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया गया है। इनमें से छह बार टीम को जीत मिली है, जबकि आठ बार हार का सामना करना पड़ा है। चौथी पारी में बल्लेबाजी के दबाव से बचने के लिए कप्तान अक्सर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि गाबा पर पहली पारी का प्रदर्शन मैच का रुख तय कर सकता है। अगर भारत की गेंदबाजी अच्छी नहीं रही, तो ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं। ऐसे में चौथी पारी में रन चेज करना मुश्किल हो सकता है।
रोहित के फैसले का असर
रोहित शर्मा का यह फैसला पूरी तरह से परिस्थितियों पर निर्भर है। अगर तेज गेंदबाज शुरुआत में विकेट निकालने में सफल रहते हैं, तो यह फैसला सही साबित हो सकता है। लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में बड़ा स्कोर बना लेती है, तो टीम इंडिया के लिए मैच जीतना कठिन हो जाएगा।
रोहित का यह फैसला एक तरह से जुआ है। गाबा की पिच और मौसम दोनों ही अनिश्चितता से भरे हैं। टीम इंडिया को इस फैसले के साथ आक्रामक और सटीक गेंदबाजी करनी होगी।