वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर यह वास्तव में भारत का प्राचीन श्लोक: महेन्द्रनाथ पांडेय

वाराणसी, 15 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय कौशल एवं भारी उद्योग मंत्री डॉ महेन्द्रनाथ पांडेय ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हम अपनी संस्कृति सभ्यता और ज्ञान दर्शन सभी कुछ भूल गए, आज पाश्चात्य संस्कृति के भ्रम का अंधेरा दूर हो रहा है। फिर से भारतीय ज्ञान परम्परा अपनी रोशनी से पूरे विश्व को प्रकाशित करने लगी है। भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है।

केन्द्रीय मंत्री गुरूवार को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य भवन सभागार में आयोजित चार दिवसीय “काशी शब्दोत्सव-2024” के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उद्घाटन सत्र के विकसित भारत : विश्व गुरु भारत विषयक चर्चा में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर यह वास्तव में भारत का वो प्राचीन श्लोक है। जो भारत की दुनिया के बारे में उस सोच को प्रदर्शित करता है कि भारत के पास जो कुछ भी था उसे बिना राग द्वेष के या किसी भी अहंकार के कभी यह नहीं कहा कि यह मेरा है। तो इस पर मेरा ही एकाधिकार है। निश्चित ही डिजिटल इकॉनमी वसुधैव कुटुम्बकम के इस भाव के साथ पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है ।

सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पाण्डेय ने कहा कि भारत विश्वगुरु रहा है। जब भारतीय संस्कृति चरम सीमा पर थी। आज भारतीयों ने ही अपनी संस्कृति छोड़ कर दूसरों की अपना ली। उन्होंने कहा कि जिस दिन भारतीय पुनः अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा के प्रति जागरूक हो जायेंगे और अपना लेंगे. भारत फिर विश्व गुरु बन जाएगा। आज भारत पुनः विश्व गुरु बनने के लिए नई दृष्टि, नवीन ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि संस्कृति का मूल संस्कृत भाषा है। संस्कृत भाषा ही भारतीय संस्कृति का स्रोत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि काशी सामान्य धरती नहीं है अद्भुत धरा है, भारतीय संस्कृति की ज्ञान परंपरा संस्कृत भाषा में ही समाहित है। भारत का गौरव उसकी संस्कृति और सभ्यता है और संस्कृति का मूल आधार संस्कृत है। उन्होंने कहा कि विश्व गुरु बनने की संकल्पना भौतिक सुविधाओं के साथ -साथ आध्यात्मिक चेतना को स्वीकार कर लेने से साकार होगा।

इसके पहले कार्यक्रम संयोजक प्रो.शैलेष कुमार मिश्र ने विषय प्रस्तावना रखी। संचालन डॉ रविशंकर पाण्डेय और स्वागत भाषण प्रो. जितेन्द्र कुमार शाही ने दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख मनोजकांत,कार्यक्रम संयोजक प्रो.ओमप्रकाश सिंह,डॉ हरेन्द्र राय,डॉ राकेश कुमार के अलावा विश्वविद्यालय के प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, प्रो. रामपूजन पाण्डेय, प्रो. हीरक कांत चक्रवर्ती, प्रो दुर्गा नंदन त्रिपाठी आदि भी मौजूद रहे।