गणेश चतुर्थी 2024: मोदक प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश की सबसे पसंदीदा मिठाई मानी जाती है। गणेश चतुर्थी (गणेश चतुर्थी 2024) से शुरू होकर 10 दिनों तक देशभर में गणेशोत्सव की धूम रहती है।
ऐसे में भगवान गणेश को हर दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ अलग-अलग तरह का भोग (Ganesh Chaturthi 2024भोग) भी चढ़ाया जाता है. इस लेख में हम बप्पा के सबसे प्रिय मोदक के 10 प्रकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। जिसे आप आसानी से घर पर तैयार कर सकते हैं.
1) उकदिचे मोदक
उकदिचे मोदक महाराष्ट्र का सबसे प्रसिद्ध मोदक है। यह मध्यम आकार का होता है और नारियल, खोया, चीनी और घी से बनाया जाता है। इसे उकादिचे नामक एक विशेष मशीन का उपयोग करके बनाया जाता है, जो इसे एक अनोखा स्वाद और बनावट देता है। इसे भाप देकर तैयार किया जाता है.
2) विडालु मोदक
विडालु मोदक भी मध्यम आकार का होता है और विडालु का उपयोग किया जाता है, यह महाराष्ट्र में पाया जाने वाला एक प्रकार का देशी फल है। विडालू का स्वाद मोदक को एक खास स्वाद देता है. इसे बनाने में भाप का भी प्रयोग किया जाता है.
3) सरानेची मोदक
सरनेची मोदक भी खासतौर पर गणेश चतुर्थी के त्योहार पर बनाया जाता है. इसे बनाने में खोबरा और गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है. पारंपरिक प्रकार के मोदक में यह भी शामिल है.
4) चंद्रकला मोदक
आप गणेशोत्सव पर चंद्रकला मोदक भी बना सकते हैं. यह मोदक चंद्रमा के आकार का होता है और खोया और सूखे मेवों से भरा होता है. इसे भाप से भी तैयार किया जाता है.
5) तले हुए मोदक
ये मोदक डीप फ्राई करके बनाए जाते हैं और आमतौर पर खोबरा और गुड़ से भरे होते हैं। यह भगवान गणेश के पसंदीदा मोदक में से एक है, यह आकार में गोल और स्वाद में मीठा और कुरकुरा होता है।
6) दूध के मोदक
ये मोदक देसी घी, माओ और सूखे मेवे भरकर बनाए जाते हैं. इसका स्वाद दूध और सूखे मेवों के मिश्रण से भरपूर होता है.
7) उकडाले मोदक
यह मोदक उबालकर बनाया जाता है. यह आमतौर पर नारियल और गुड़ के मिश्रण से भरा होता है। इसका स्वाद हल्का और मीठा होता है.
8) ड्राई फ्रूट मोदक
ड्राई फ्रूट मोदक को विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स से भरा जा सकता है. इसे बनाने में खोये का भी प्रयोग किया जाता है.
9) रवा मोदक
यह उकाडिच मोदक के समान है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका बाहरी आवरण सूजी से बना होता है।
10) पनीर मोदक
यह मोदक पनीर को मसालों और सूखे मेवों के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है. इसके बाद इसे मोदक के आकार में रखकर उबाला जाता है.