बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता आमिर खान और दलीप ताहिल कई फिल्मों में साथ नजर आ चुके हैं। दोनों ने ‘कयामत से कयामत तक’, ‘इश्क’, ‘हम हैं राही प्यार के’ और ‘मन’ जैसी फिल्मों में कभी पिता-बेटे का किरदार निभाया तो कभी एक-दूसरे के दुश्मन बने। हाल ही में दलीप ताहिल ने एक इंटरव्यू में शूटिंग के दौरान आमिर खान के काम करने के तरीके को लेकर एक दिलचस्प किस्सा साझा किया।
आमिर खान का परफेक्शन और डायरेक्टर की टक्कर
दलीप ताहिल ने बताया कि आमिर खान हर सीन को गहराई से समझने की कोशिश करते थे और हमेशा यह जानने की कोशिश करते कि “यह सीन इस तरह से ही क्यों शूट हो रहा है?”
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फिल्म ‘इश्क’ की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर इंदर कुमार और आमिर के बीच इसी को लेकर एक मजेदार बहस हो गई थी।
“आमिर हमेशा डायरेक्टर से सवाल करते थे कि ये सीन ऐसे ही क्यों शूट हो रहा है? इस पर इंदर कुमार मजाक में कहते थे – ‘तू वैसा ही कर जैसा मैं कह रहा हूं, क्योंकि मेरी फिल्म के किरदार ऐसे ही हैं’!”
बात यहां तक बढ़ गई कि डायरेक्टर को कहना पड़ा:
“भैया, मेरी पिक्चर में मैं जो बोलता हूं, तू वो कर!”
हालांकि, इसके बावजूद आमिर और इंदर कुमार के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग थी और दोनों एक-दूसरे की खूब इज्जत करते थे।
आमिर खान का अलग नजरिया
दलीप ताहिल ने बताया कि जब आप किसी निर्देशक के साथ काम करते हैं, तो आपको उनके विजन का पालन करना होता है। खासकर इंदर कुमार जैसे फिल्ममेकर, जिनका अपने किरदारों और कहानी को लेकर एक स्पष्ट नजरिया होता था।
“इंदर कुमार हमेशा कहते थे – ‘बाबा, तू अपनी पिक्चर बना, मेरी फिल्म में जैसा मैं बोल रहा हूं वैसा कर।’ और देखो, बाद में आमिर ने ‘लगान’ बना दी, जो ‘इश्क’ के बाद आई थी!”
परफेक्शनिस्ट आमिर की अपनी सोच
आमिर खान अपनी फिल्मों में हर डिटेल पर बारीकी से ध्यान देते हैं और सेट पर भी वह सीन को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देते रहते थे। यही कारण है कि उनकी फिल्में अलग पहचान बनाती हैं। इश्क के बाद उन्होंने ‘लगान’ जैसी ऐतिहासिक फिल्म बनाई, जिसने ऑस्कर तक जगह बनाई।