जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया अदालतों के माध्यम से नहीं, बल्कि प्राथमिक अवसर देकर पूरी होनी चाहिए। अपनी मुख्यमंत्री पद की पहली प्रेस वार्ता में, उन्होंने पीएम मोदी को इस मुद्दे पर पहले कदम उठाने का मौका देने की बात कही।
राज्य का दर्जा बहाली: प्राथमिकता और दृष्टिकोण
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
- न्यायालय अंतिम विकल्प:
उन्होंने कहा, “हर सरकार के पास न्यायालय का सहारा लेने का विकल्प होता है, लेकिन यह हमारी पहली प्राथमिकता नहीं है।”- अदालत जाना अंतिम विकल्प होना चाहिए, लड़ाई नहीं।
- अगर न्यायालय ने राज्य के दर्जे की बहाली पर टिप्पणी नहीं की होती और पीएम व गृह मंत्री ने वादा नहीं किया होता, तो अदालतों का रुख करना पड़ता।
- वादों पर भरोसा:
उमर ने कहा, “प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने वादे किए हैं। हमें पहले उन्हें मौका देना चाहिए।”
राज्य के स्वरूप में बदलाव और प्रशासनिक अनुभव
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में सरकार चलाने और राज्य सरकार चलाने में बड़ा अंतर है।
- प्रशासनिक बदलाव:
उन्होंने बताया कि दो महीने के भीतर उनकी सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को समझने में महत्वपूर्ण समय लगाया।- उन्होंने कहा, “हमें यह समझने में समय लगा कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार कैसे काम करती है।”
- राज्य का दर्जा बहाली का मुद्दा:
उमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि राज्य का दर्जा जल्द बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे जल्द से जल्द लागू करने की अपील की।
केंद्र सरकार और अफवाहों पर स्थिति स्पष्ट
मुख्यमंत्री ने उन अटकलों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
- नेशनल कांफ्रेंस और एनडीए:
उमर ने साफ किया कि उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल नहीं होगी।- उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि हमारी सरकार को अस्थिर नहीं किया जाएगा।”
- उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वैसा ही सहयोग मिलेगा जैसा उपराज्यपाल को मिलता था।
- अफवाहों पर प्रतिक्रिया:
उन्होंने कहा, “जो लोग अफवाह फैला रहे हैं कि मैं राजग में शामिल हो जाऊंगा, उनके लिए मेरे पास कुछ कहने को नहीं है।”
राजनीतिक घोषणापत्र और जनता की आकांक्षाएं
नेकां नेता ने जोर दिया कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र पांच साल के कार्यकाल के लिए है, न कि कुछ महीनों के लिए।
- राज्य का दर्जा और विशेष स्थिति:
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन मुद्दों पर काम कर रही है और जनता की भावनाओं का सम्मान करना उनकी प्राथमिकता है। - जनता की आकांक्षाएं:
उमर ने कहा, “लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए।”